कहते हैं इतिहास सिर्फ विजेता बनाते हैं, जंग में जो हार जाता है उसे इतिहास कभी अपने भीतर जगह नहीं देता. आपने स्कूल, कॉलेज की किताबों में तो कई ऐसे सूरमाओं का जिक्र पढ़ा होगा यहां तक कि फिल्मी पर्दे पर भी आपने सिर्फ विजेताओं की ही कहानियों को देखा होगा. लेकिन जितनी सच बात यह है कि इतिहास में जीत को ही महत्व दिया जाता है, उतना ही सच यह भी है कि अगर हारा हुआ इंसान थोड़ा स्पेशल हो, तो इतिहास उसे जरूर याद करता है.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ शासकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका नाम तो हुआ लेकिन सिर्फ बदनामी के साथ.
कैलिगुला (रोम का शासक): रोम के शासक हमेशा से ही अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते रहे हैं. अपने विरोधियों को सजा देने का उनका तरीका हमेशा थोड़ा हटकर रहा है. साथ ही खुद को अन्य लोगों से ज्यादा ताकतवर दिखाने का जुनून भी रोम के शासकों में कुछ ज्यादा ही था. लेकिन रोम का एक शासक ऐसा भी था जिसने अपनी मंदबुद्धि का परिचय कुछ इस तरह दिया कि लोग यकीन ही नहीं कर पाए कि उनका शासक इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है. कलिगुला नाम के इस शासक ने अपने प्रिय घोड़े को राज्य का मुख्य पुजारी और राजदूत घोषित कर दिया था. कैलिगुला की इस हरकत ने उसके शासन के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम किया.
क्वीन मारिया प्रथम शुरु से ही थोड़ी अजीबोगरीब और मानसिक रूप से असंतुलित थी. लेकिन पति और बच्चों की मौत ने उन्हें और ज्यादा परेशान कर दिया था. वह इतनी ज्यादा धार्मिक हो गई थी कि लोग उन्हें पागल तक बुलाने लगे थे. इतना ही नहीं वह बच्चों के कपड़े भी पहनकर घूमने लगी थी.
: एना बड़ी अजीबोगरीब मानसिक दशा वाली रानी थी. अपनी खुशी के लिए वह कुछ भी करती थी. दूसरों के लिए वह कभी नहीं सोचती थी और हर बार कुछ ऐसा करती थी जिससे लोगों को उन्हें अपने राज्य की ‘एम्प्रेस’ कहने में भी शर्म आती थी. एक बार सिर्फ अपनी खुशी और मनोरंजन के लिए उन्होंने अपनी दासी और महल के एक कर्मचारी की शादी तक करवा दी थी. शादी में जितने भी लोग शामिल हुए थे सभी ने एना के आदेशानुसार जोकर की ड्रेस पहनी हुई थी.
: फ्रांस का यह शासक अपने जीवन में कभी नहाया नहीं था. सुनकर आपको घिन्न जरूर आ रही होगी लेकिन यह सच यह है कि फ्रांस की जनता पर राज करने वाला चार्ल्स चतुर्थ ने कभी स्नानगृह की शक्ल नहीं देखी थी.
र्डिनांड प्रथम (ऑस्ट्रिया): आप इस बात को जानते ही होंगे कि करीब की रिश्तेदारी में शादी ब्याह संपन्न होती है तो इसका असर बच्चे की मनासिक या शारीरिक सेहत पर पड़ता है. फर्डिनांड प्रथमके माता-पिता की शादी भी करीबी संबंध के अंतर्गत हुई थी जिसकी वजह से उनकी संतान यानि फर्डिनांड मानसिक रूप से विक्षिप्त थे. उन्होंने अपने जीवन में कभी कुछ नहीं बोला था.राजा बनने के बाद उनके मुंह से निकले शब्द कुछ ऐसे थे ‘मैं यहां का शासक हूं, मुझे पेस्ट्री खानी है’
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