इराक में चल रही जंग के कारण वहां की जो हालात है, उससे हर कोई वाकिफ है. इराक में पहले अमेरिका और उसके बाद दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह ISIS ने कब्जा किया हुआ है. पिछले कुछ सालों में इराक की कई तस्वीरों ने दुनिया भर में दहशत फैलाई है. कभी अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाने वाला इराक का एक शहर अब कब्रिस्तान बनकर रह गया है. इस शहर की तस्वीरें आपको हैरान कर सकती हैं.
इराक का शहर नजफ अब है कब्रिस्तान
इराक का शहर नजफ शियाओं का धार्मिक शहर है. यहां शिया इमाम और चौथे खलीफा ‘इमाम अली इब्न अबी तालिब’ की दरगाह भी है. इसी कारण शिया मुस्लिमों के शव यहीं दफनाए जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि युद्ध में मारे गए करीब 50 लाख लोगों के शव इसी कब्रिस्तान में दफन है. यहां की सभी कब्र पत्थर और मिट्टी से ही बनी हुई है, इन कब्रों में सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया है.
अमेरिकी हमले ने शहर को बनाया कब्रिस्तान
सद्दाम हुसैन और अमेरिका के बीच चल रही लड़ाई के कारण इराक का यह मशहूर शहर तबाह कर दिया गया. 1991 और 2003 के अमेरिकी हमलों के बाद इस शहर में कुछ नहीं बचा सिवाय अनगिनत लाशों के. यहां इतनी लाशें हैंं जितनी आबादी इराक के किसी बड़े शहर की भी नहीं होगी.
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1485 एकड़ में फैला है कब्रिस्तान
इस शहर को वादी-उस-सलाम भी कहा जाता है, जिसका मतलब है ‘वैली ऑफ पीस’. 6 लाख की आबादी वाले शहर के बीचों-बीच यह कब्रिस्तान बना हुआ है. इस कब्रिस्तान को करीब 1485 एकड़ जमीन दी गई है क्योंकि यहां पर करीब 50 लाख लोगों को दफनाया गया है.
यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में से एक है
यह कब्रिस्तान इतना बड़ा है कि इसे यूनेस्को ने ‘वर्ल्ड हैरिटेज’ में शामिल किया है. वहीं इसकी लंबाई ज्यादा होने की वजह से यहां पर सड़केंं बनाई गई हैंं, जो कब्रोंं के बीच में से होकर ही निकलती है. यहां अक्सर आपको भीड़-भाड़ देखने को मिलेगी, इसलिए यहां हमेशा पुलिस तैनात रहती है. एक कब्र को खोजने में कई बार हफ्तों निकल जाते हैं क्योंकि यहां 50 लाख से ज्यादा लोग दफन हैंं…Next
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