मानव की सोच निरंतर भौतिकतावादी होती जा रही है. वह अपने जीवन को और सरल और सुगम बनाने के लिए भौतिकतावादी सोच को स्वीकारता जा रहा है. लोगों के खान-पान से लेकर रहन-सहन और पहनावे में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. इंसान जहां पहले अपने ही घर में भोजन को खुद ही पकाकर खाया करता था आज उसका झुकाव डिब्बा बंद और बाहर की चीजों पर ज्यादा बढ़ रहा है.
अगर खाने की बात की जाए तो आज लोगों को जो पसंद आ रहा है उसका बड़ी मात्रा में लगातार सेवन करते जा रहे हैं. वह यह भी नहीं देखते कि इन चीजों को बड़ी मात्रा में लेने से उनके सेहत पर क्या असर पड़ सकता है. खैर इन सब बातों को छोड़िए जो लोग मांस खाने के शौकीन हैं उनके लिए खुशखबरी है कि अब वह आसानी से अन्य दूसरे रेडिमेड वस्तुओं की तरह मार्केट से मांस भी खरीद सकते हैं. आपको यह सब एक बकवास लग रहा होगा लेकिन यह बात सच है.
विश्व के दो वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि वह नकली मांस बना सकते हैं. इन दोनों वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने लैब में पहली बार हैमबर्गर का निर्माण किया है. सैन फ्रांसिस्को से 40 किमी दक्षिण में मेनलो पार्क स्थित इंडस्ट्रियल एस्टेट की एक लैबॉरेट्री में यह आविष्कार किया गया. प्रोफेसर पैट्रिक ब्राउन वह व्यक्ति हैं जिन्होंने इस अद्भुत सपने को साकार करने का काम किया है. प्रोफेसर ब्राउन जब यह अविष्कार कर रहे थे तो उन्हें विरोधियों द्वारा काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा लेकिन दुनिया की परवाह किए बगैर उन्होंने इस मिशन को बखूबी अंजाम दिया.
वैज्ञानिकों द्वारा किया गया यह शोध सच में विज्ञान की नई उंचाई को दर्शाता है. आज मानव अपने भूख को शांत करने के लिए तरह-तरह के जानवरों और पक्षियों को मारता है. मांस के लिए जानवरों को मारने की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में यह शोध उन जीवों के लिए वरदान साबित हो सकता है जिन्हें इंसान केवल पेट-पूजा की वस्तु ही समझते हैं.
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