Menu
blogid : 7629 postid : 1316

आखिर क्यों इस नदी का शोर सुनाई नहीं देता

पांच हजार साल पुरानी एक ऐसी कहानी जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. कहते हैं चेनाब नदी का बहाव अन्य किसी भी नदी से बहुत तेज है. तो फिर क्या कारण है कि वह चलती तो लहराती है लेकिन उसका शोर किसी को सुनाई देता? चेनाब नदी को लोग तेज रफ्तार से बहने वाली नदी के तौर पर जानते हैं लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि वो बहती तो है लेकिन इतने शांत तरीके से कि किसी को भी उसकी आवाज सुनाई नहीं देती?



Read – Real Horror Stories in Hindi – क्या वह बस एक डरावना सपना था?

इस सवाल का जवाब हमारे इतिहास के पन्नों में दर्ज है. महाभारत काल में हुए कौरव-पांडव युद्ध के बारे में तो आपने सुना ही होगा. इस दौरान पांडवों को मिले अज्ञातवास के विषय में भी आप सभी जानते होंगे. लेकिन शायद आप यह नहीं जानते कि इस अज्ञातवास के दौरान कुछ ऐसा घटित हुआ था जिसने चेनाब से उसका शोर, उसकी आवाज सब कुछ छीन लिया था.



Read – अरे जिम छोड़ों, कीड़े खाओ और वजन घटाओं

कई दिनों तक भटकने के बाद पांडव एक गुफा में आए. जब उन्हें पता चला कि यह इलाका राजा विराट का है तो उनके पास वेष बदलकर रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा. वेष बदलकर वह राजा विराट के पास नौकरी मांगने पहुंचे. जब पांडव राजा के दरबार में पहुंचे तो राजा विराट ने उन्हें देखते ही पहचान लिया कि यह अति बलशाली पांडवों की सेना है जो कौरवों से मिली शिकस्त के बाद अज्ञातवास में रहने के लिए विवश है. सब कुछ जानने और समझने के बावजूद राजा विराट कुछ नहीं बोले.


Read – Real Horror Stories in Hindi – गायब द्वीप का रहस्य

विराट पांडवों को अपने यहां नौकरी पर रखने के लिए राजी हो गए और सौ हाथियों की ताकत लिए भीम को रसोई में खाना पकाने का काम सौंपा गया.



Read – वीरान घर में आज भी भटकती है मधुबाला की रूह – Real Horror Story in Hindi

दिनभर खाना बनाने, सब्जी काटने जैसे काम करने के बाद भीम चेनाब के किनारे तपस्या करने चले जाते. उनकी इस तपस्या के बारे में राज्य का कोई अन्य व्यक्ति क्या खुद उनके अपने भाई ही नहीं जानते थे. यहां तक कि नगर के राजा विराट भी यह नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर शाम ढलते ही भीम कहां चले जाते हैं, जाहिर है उनसे पूछने की हिम्मत तो किसी की थी नहीं इसीलिए राजा भी अपनी जिज्ञासा का समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे थे.


भीम की तपस्या के साथ ही शुरू हुई चेनाब नदी की शांत दास्तां जिसे सुनकर आपको यह एहसास हो जाएगा कि महाबली भीम का गुस्सा कितना खतरनाक था.


अखनूर (जम्मू) में चेनाब नदी के किनारे स्थित किले में एक गुफा है जिसमें एक गाय और छोटे बच्चों के पैरों के निशान दिखाई देते हैं, जिनका संबंध कौरवों के उसी अज्ञात वास से है जिसका जिक्र हम पहले भी कर चुके हैं. इन गुफाओं के अंदर जो दस्तावेज मिले हैं वह ऐतिहासिक दृष्टि से आज भी बेहद महत्वपूर्ण हैं.



Read – जब रावण को घोड़ों के बीच बांधा गया !!

पुराने और कटे-फटे दस्तावेजों में भीम की तपस्या और चेनाब की शांति से जुड़ी एक कहानी दर्ज है और वह यह कि जब अज्ञातवास के दौरान पांडव नौकरी करने लगे तब उन्हें नौकरी में तो दिक्कत नहीं आई लेकिन भीम जब तपस्या करने जाते तो उन्हें बहुत दिक्कत आती थी और वह भी सिर्फ चेनाब के शोर की वजह से.


भीम चाहते तो एक ही बार में अपनी इस परेशानी को भी हल कर सकते थे लेकिन वह डरते थे कि अगर उनका राज खुल गय तो अज्ञातवास की सीमा और ज्यादा बढ़ जाएगी इसीलिए भीम को अपना गुस्सा शांत रखना पड़ता था.



Read – मरने के बाद भी उसे सुकून नहीं मिला !!

समय ऐसा ही गुजरता रहा और भीम का क्रोध भी दिनोंदिन बढ़ने लगा. लेकिन एक दिन जब भीम अपनी तपस्या में लीन थे तो उसी समय चेनाब तेज आवाज के साथ बहने लगी. भीम की तपस्या बाधित हुई. भीम ने शांतिपूर्वक पहले चेनाब को बोला कि वह बहते हुए इतना शोर ना करे क्योंकि इससे उनकी तपस्या में खलल पड़ता है.


वह हर संभव प्रयत्न करते रहे कि उन्हें क्रोध ना आए क्योंकि क्रोध आ जाने पर उनका राज खुल जाता. वह चेनाब से मिन्नतें करते रहे और चेनाब उनकी एक मानने को तैयार नहीं हुई. इसके विपरीत भीम जितना चेनाब से शांत रहने को कहते वह उतना ज्यादा ही शोर करती.



Read – जरूरी नहीं जो दिखाई ना दे वो है ही नहीं

जब भीम से सहन नहीं हुआ तो वह अपनी जगह पर खड़े होकर इतना तेज गरजे कि चेनाब की लहरें शांत हो गईं और कहते हैं तब से लेकर अब तक चेनाब बहती तो है लेकिन शांत गति से.




Read

अब मां सिखाएगी कैसे पटेंगी लड़कियां

कुंवारी मर जाऊंगी लेकिन शादी करूंगी तो बस सलमान से

आखिर क्या थी सलीम और अनारकली की अधूरी प्रेम कहानी की हकीकत



Tags: mysterious stories in history, bhim, pandav and kaurav war, mahabharat age, chenab river, horror stories in hindi, चेनाब नदी, महाभारत कथा, महाभारत, कौरव-पांडव युद्ध


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh