हमारे समाज में जहां विवाह से पहले किसी पुरुष के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना तक निषेध माना जाता है वहां जाहिर सी बात है कि उन महिलाओं को बेहद निकृष्ट दृष्टि से देखा जाएगा जो विवाह से पहले ही गर्भ धारण कर लेती हैं. उनके होने वाले बच्चे को नाजायज कहकर उन्हें सारी उम्र दुत्कारा जाएगा. लेकिन हैरानी की बात है कि एक स्थान ऐसा भी है जहां स्त्रियां पराए पुरुषों के साथ संबंध ही इसलिए स्थापित करती थीं ताकि वह मातृत्व ग्रहण कर पाएं. मां बनने की इच्छा के ही कारण वह दूसरे पुरुषों के संपर्क में जातीं और गर्भवती होने के बाद उनसे किनारा कर लेतीं.
वियतनाम एक ऐसा देश है जहां कई ऐसी महिलाएं हैं जो अपने परिवार के साथ रह तो रही हैं लेकिन उनके बच्चों के पिता वो नहीं हैं जिनसे उन्होंने विवाह किया था बल्कि वो हैं जिनके साथ उन्होंने संबंध बस इसीलिए बनाए थे ताकि वे मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकें.
बात आज से 30 वर्ष पहले की है जब वियतनाम अमेरिका के साथ जंग लड़ रहा था. वियतनाम के सारे युवक युद्ध में शामिल होने जाते थे और उनके पीछे उनका इंतजार करने के लिए बचती थीं उनकी पत्नियां. युद्ध में शामिल हुए पुरुषों में ऐसे भी बहुत से लोग थे जिनकी अभी-अभी शादी हुई थी. युद्ध समाप्त होने के बाद कुछ तो लौटकर आए लेकिन ऐसे बहुत से पुरुष थे जो लौटकर आए ही नहीं. एक बात और उस काल में लोगों का यह मानना था कि 16 से 20 वर्ष के भीतर महिला का विवाह हो जाना चाहिए. 20 साल के बाद महिला विवाहित जीवन के लिए उपयुक्त नहीं रहती. पुरुष तो 20 साल से अधिक उम्र वाली महिला के साथ विवाह करने से ही मना कर देते थे. इतना ही नहीं जब पुरुष युद्ध से लौटते थे तो जाहिर था कि उनकी पत्नी की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो चुकी होती थी इसीलिए वह अपनी पत्नी को छोड़ देते
ऐसे में बेचारी पत्नी, जो अपने परिवार और बच्चों की इच्छा रखती थी, के पास सामाजिक तौर पर बस एक ही विकल्प शेष रह जाता था कि वह अपनी उम्र से काफी बड़े पुरुष के साथ विवाह कर ले. लेकिन वह इस विकल्प को अपनाकर अपना पूरा जीवन बर्बाद नहीं करना चाहती थी इसीलिए उन्होंने एक मार्ग सोचा, जिसके अनुसार वह किसी जवान पुरुष से यह निवेदन करती कि उन्हें मातृत्व सुख प्रदान करे और उस पुरुष के साथ संबंध बनाती.
आज वियतनामी महिलाएं अपने-अपने परिवारों के साथ खुश हैं, उनकी संतानें विवाहित हैं और वे खुद अपने बच्चों के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उनके बच्चे का बाप कौन है तो वह उसका नाम नहीं बताना चाहतीं. उल्लेखनीय बात यह भी है कि उनके बच्चे का पिता अपने बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठाता था और उस महिला को भी आर्थिक सहायता देता था जिससे कि उन महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ
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