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क्या खिलाड़ी थक गए हैं?

IPL Cricket
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सभी भारतीय शान से कह सकते हैं कि वह क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता हैं. एक ऐसे ताज के विजेता जिसको जीतने का सपना संजोए हुए सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को अपना धर्म माना और अपना जीवन उस पर समर्पित कर दिया. परन्तु कुछ महान खिलाड़ियों के लिए यह सपना ही रह गया.

02 अप्रैल, 2011 को धोनी की सेना के पूरी दुनिया को दिखा दिया कि ऑस्ट्रेलिया का वर्चस्व समाप्त हो गया है और इस खेल की बादशाह अब टीम इंडिया है. उस दिन हमारे क्रिकेट खिलाडियों ने पूरे भारतवासियों को होली और दिवाली मानने का मौका एक साथ दिया और सभी ने उस मौके का खूब फायदा उठाया. छः हप्तों की मेहनत रंग लाई परन्तु यह उत्सव केवल कुछ दिन ही चल पाया. अभी सभी न्यूज़ चैनलों ने युवी, सचिन, ज़हीर की तारीफ़ करना बंद भी नहीं किया था कि आईपीएल ने क्रिकेट जगत में दस्तक दी.

कप जीतने के बाद घर पहुंचे खिलाड़ी तो अच्छी तरह अपने परिवार से मिल भी नहीं पाए थे कि उन्हें दूसरा मोर्चा संभालने निकलना पड़ा. लेकिन इस बार यह मोर्चा कुछ अलग था. इस रास्ते में आई रूकावटों को पार करके खिलाड़ियों को जीत ही मिलती लेकिन,

यहां दोस्त दुश्मन बन गए और दुश्मन के साथ मिलकर हम जीत की रणनीति बनाने लगे.

8 अप्रैल को आईपीएल 4 का बिगुल बजा और खिलाड़ी एक बार फिर अपने कार्य में जुट गए. किसी ने भी परवाह नहीं की कि हमारे रणबांकुरे थक गए होंगे आखिरकार 43 दिन उन्होंने बहुत मेहनत की है. इतने दिनों तक टीम इंडिया का प्रोत्साहन बढ़ाते-बढ़ाते सभी भारतीय तो थक गए थे तभी इतने मैचों के बाद भी अधिकतर स्टेडियम खाली हैं. लेकिन बीसीसीआई को तो केवल पैसे से नाता है और आईपीएल तो पैसा कमाने की मशीन है.

अभी आईपीएल शुरू हुआ है जो मई तक चलेगा जहां 74 मैच खेले जाएंगे. मतलब साफ़ है कि आईपीएल खत्म होते-होते सभी खिलाड़ी इतने थक गए होंगे कि शायद इंग्लैंड सीरीज के लिए इनमें से कई आराम करना पसंद करेंगे. इतने मैच खेलने से नुकसान केवल खिलाड़ियों को ही होगा क्योंकि जितने ज़्यादा मैच उतनी ज़्यादा मानसिक और शारीरिक थकान और उससे भी ज़्यादा चोट लगने का खतरा.

कितना अच्छा होता कि अगर बीसीसीआई खिलाड़ियों को कुछ आराम देती और आईपीएल कुछ दिनों बाद शुरू होता. ऐसे में खिलाड़ी भी चुस्त रहते और चोट लगने का खतरा भी कम होता. अब यदि ऐसे में खिलाड़ी थक कर आराम करना चाहे तो मजबूरन हमें कहना पड़ता कि “बेशर्मी की हद है ! इन्हें आराम चाहिए.

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