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खिलाड़ियों की मंडी

IPL Cricket
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IPL-Player-Auction-2011-Liveतो आखिरकार आईपीएल चार की शुरुआत खिलाड़ियों की खरीदफरोख्त से शुरू हो ही गयी. दो दिनों में सभी फ्रेंचाइजियों ने कुलमिलाकर 139 खिलाड़ियों को खरीदा जिसमें से गौतम गंभीर सबसे महंगे खिलाड़ी रहे. गौतम गंभीर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 11 करोड़ रुपए से भी ज़्यादा में खरीदा. वहीं नीलामी के दौरान कुछ आश्चर्य भी सामने आए. इसमें से सबसे बड़ा था गांगुली और क्रिस गेल के नाम पर किसी भी फ्रेंचाइजी का बोली ना लगाना.

क्रिकेट जगत में गांगुली और क्रिस गेल छोटे नाम नहीं हैं. एक जिसे हम दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में गिन सकते हैं तो दूसरा विश्व के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक. लेकिन आईपीएल में शामिल दसो फ्रेंचाइजियों पर इससे कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता. आपने पूर्व में क्रिकेट में कुछ भी किया हो अगर आपके साथ उम्र नहीं है और अगर आईपीएल के दौरान आप उपलब्ध न हों तो आप आईपीएल में बिक नहीं सकते.

ऐसा क्यों

सौरभ गांगुली, क्रिस गेल, जेम्स एंडरसन, ग्राहम स्वान, लारा, सनथ जयसूर्या कुछ ऐसे बड़े नाम हैं जिनका आईपीएल चार में खेलना संदिग्ध है. लेकिन ऐसा क्यों हुआ?

• सौरभ गांगुली, सनथ जयसूर्या, लारा बहुत बड़े खिलाड़ी हैं जो किसी भी समय अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं. लेकिन मौजूदा समय में इन तीनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया है. जहां तक लारा की बात है उन्होंने 2008 से क्रिकेट नहीं खेली है. ऐसे में कोई टीम क्यों आप पर 2 करोड़ रूपए खर्च करे. टी20 क्रिकेट नौजवानों का क्रिकेट है, जहां आपको ढाई घंटों के लिए अपना पूरा दमखम झोंकना पड़ता है. टी20 में कलात्मक खेल से ज़्यादा दम की ज़रूरत होती है. यहां क्लासिकल शॉट से ज़्यादा बल्लेबाज़ बल्ले का लंबा हत्था इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या बूढ़ी हड्डियों में इतना दम बचा है जो 45 दिनों तक लगातार मैदान में अपना 100 प्रतिशत झोंक सके.

• इस नीलामी में एक चीज़ और देखने को मिली फ्रेंचाइजियों ने 37 ऑस्ट्रेलियाई और 20 दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को खरीदा जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ियों में से केवल स्टुअर्ट ब्रॉड, पीटरसन, पॉल कालिंगवुड, मॉर्गन और माइकल लंब को खरीदा गया जबकि सत्र खिलाड़ी जेम्स एंडरसन और ग्राहम स्वान के नाम पर किसी ने बोली नहीं लगाई. शायद इस बात से आश्चर्य ज़्यादा नहीं होता क्योंकि पिछली बार के सबसे महंगे खिलाड़ी पीटरसन और फ्लिंटॉफ थे जो इंगलैंड के हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और चोट के कारण यह दोनों अधिकतर मैचों में नहीं दिखे. आईपीएल में फ्रेंचाइजियां उन खिलाड़ियों को खरीदने में ज़्यादा उत्सुक दिखीं जो पूरे आईपीएल में मौजूद रहे. ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका का क्रिकेट कैलेंडर बहुत हद तक भारत से मेल खाता है. जब आईपीएल शुरू होता है तो इन देशों के अधिकतर खिलाड़ी उपलब्ध रहते हैं जबकि इंग्लैंड के ज़्यादातर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में व्यस्त रहते हैं.

गौतम गंभीर से लेकर सौरभ तिवारी तक फ्रेंचाइजियों ने बहुत सोच-समझकर खरीददारी की इसके लिए उन्होंने कुछ बातों पर ध्यान दिया

• उम्र – जो खिलाड़ी फ्रेंचाइजियों द्वारा खरीदे गए उनमें सबसे बड़ी समानता यह है कि वह सभी नौजवान हैं और आप जानते हैं कि टी20 फॉर्मेट नौज़वानों का खेल है.

• आईपीएल के दौरान उपलब्धता – इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को इसलिए नहीं चुना गया क्योंकि अधिकतर खिलाड़ी आईपीएल के दौरान उपलब्ध नहीं होते हैं.

• मैच विनर खिलाड़ी – युसूफ पठान, डेल स्टेन, सायमंड्स सभी को ऊंचे दामों में इसलिए खरीदा गया क्योंकि यह सभी मैच विनर खिलाड़ी है.

• आलराउंडर – टी20 का सबसे उपयोगी खिलाड़ी आलराउंडर होता है. वह खिलाड़ी जो चार ओवर फेंक सके और मौका पड़ने पर बल्लेबाज़ी कर सके इस फार्मेट में सबसे उपयोगी खिलाड़ी होता है.

अगर हम ऊपर दिए गए समीकरणों पर ध्यान दें तो कोई आश्चर्य नहीं होता कि क्यों बड़े खिलाड़ियों को नहीं खरीदा गया.

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