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तलवार उठा कर सिर्फ जंग जीती जा सकती है किसी का दिल नहीं। हिंदुकुश पर्वत से लेकर नर्मदा तक जिसका शासन था उसका भी हृदय कलिंग में हुए नरसंहार को देखकर द्रवित हो गया था। तभी आज शायद हम उस चक्रवर्ती सम्राट को इतने आदर और सम्मान के साथ महान अशोक कहते हैं।
आपको क्या लगता है सम्राट अशोक को आप इतना सम्मान इसलिए देते हैं की वह अपने जीवन काल में कोई भी युद्ध नहीं हारे? या इसलिए की उन्होंने भीषण नरसंहार किया? मुझे उनकी महानता उनके हृदय परिवर्तन के बाद ही समझ आती है, आप का पता नहीं। इतिहास में कई राजा ऐसे हुए होंगे जिन्होंने भीषण रक्तपात किया, किन्तु अशोक ही ऐसे सम्राट हुए जिनका नाम शायद हिंदुस्तान में बच्चा बच्चा जानता है। और यह संभव हो सका उनके हृदय परिवर्तन के पश्चात।
जंग जीतनी हो तो तलवार का प्रयोग कीजिए। पर अगर आपको इतिहास के पन्नों में अमर होना है तो प्रेम का मार्ग अपनाइए। प्यार और इंसानियत आपको सिर्फ इतिहास में अमर ही नहीं कर देगी अपितु पूजनीय बना देगी। क्योंकी इतिहास में तो हम बाबर को भी पढ़ते हैं किन्तु सम्मान सिर्फ सम्राट अशोक को हैं। अगर आपको खुदा ने इस काबिल बनाया है की आप लोगों के भविष्य का निर्धारण कर सकें। और आपको खुदा ने इतनी ताकत से नवाजा है की आप आम जनमानस के जीवन के फैसले ले सकें तो उनको ज़िन्दगी दीजिए, न कि उनमें खौफ पैदा कीजिए। दुनिया प्रेम से चलती है युद्धों और विद्रोह से नहीं।
नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं, इससे संस्थान का कोई लेना-देना नहीं है।
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