- 247 Posts
- 1192 Comments
दोस्ती में अक्सर हमेशा हम मरने जीने की कसमें खाते हैं लेकिन दोस्ती की दीवार में दरार डालने के लिए एक लड़की की हंसी ही बहुत ज्यादा साबित हो जाती है. कल ही की बात ले लो. मेरा दोस्त राज और श्याम दिन में मेरे घर पर आकर बैठे थे.
श्याम को किसी चीज के लिए कुछ पैसे उधार चाहिए थे तो उसने राज से पैसे मांगे लेकिन उसने कह दिया कि अभी कुछ दिनों से उसकी भी हालात गरीबी में आटा गीला वाली है. और मेरे से तो उसने मांगा ही नहीं क्यूंकि अपना तो भइया सीधा उसूल है ‘ना पैसा लो ना दो’. लेकिन श्याम की ना ने मुझे उस समय उतना परेशान नहीं किया जितना बाद में किया.
दरअसल हुआ यह कि कुछ समय बाद श्याम की दोस्त पायल पार्क में मिली और उससे बोली यार मुझे 700 रु चाहिए तो श्याम ने बिना कुछ कहे उसे पैसे लाकर दे दिए. श्याम ने साथ ही यह भी कहा कि जब मन हो तो दे देना. लेकिन वहीं राज तो उससे सिर्फ 500 रु. ही मांग रहा था और वह भी 15 दिन में वापस कर रहा था पर श्याम नहीं माना.
अब भला इसे क्या कहें, क्या वाकई दोस्ती यारी सब झूठ और प्यार सच्चा होता है. पायल से श्याम की दोस्ती हुए कुछ महीने ही हुए जबकि राज और श्याम तो एक-दूसरे के तब से दोस्त हैं जब दोनों को सही से बोलना भी नहीं आता था. समझ में नहीं आता कि दोस्ती और प्यार की इस पहेली को क्या नाम दें?
Read Comments