थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
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हाथ मिलाये मुझसे गले मिला न करे
बाबजूद इसके भी दिल गिला न करे ॥
वो सिला देते है यहाँ भलाई का लोग
कि भला आदमी फिर कभी भला न करे ॥
रोज रोज ही टूट जाते है ख्वाब मेरे
उससे कहो नींद मे आंखें मला न करे ॥
उसने चूम के सुनहरा कर दिया मुझे ॥
अब तो धूप भी मुझे सांवला न करे
अब तो मुझसे बर्दाश्त ही नहीं होता
कोइ दोस्त बिना बात छला न करे ॥
हमने रूहों को तहलील कर लिया दोस्तों
गर खुदा चाहे भी तो फासला न करे ॥
सुना लकडियाँ कम हो गयी जंगल में
कहा गरीब के घर चूल्हा जला न करे ॥
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