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एक दिन मेरे पिता ने मुझे शादी के बारे में कहा। मुझे बहुत अजीब लगा कि मैं अभी पढ़ाई कर रहा हुं और आप शादी करने के लिए कह रहे हैं। क्या करें वह भी लड़की वालों से परेशन हो गये थे इसलिए मुझसे कहा कि शादी कर लो लड़की को कुछ दिन के बाद गौना करके लाएंगे। पिता के हार्ट अटैक का मरीज होने के कारण मैं भी मान गया और मेरी शादी 22 मई 2007 को हो गई। लड़की को गौना कराकर नहीं लाए और कहा कि कॉलेज खत्म होने के बाद लाएंगे। शादी के बाद हम दोनों कभी भी एक दूसरे नहीं मिले और न ही फोन पर बात की। जब मेरी पढ़ाई 2012 में खत्म हो गई तब मेरे पिता ने गौने के लिए कहा तो मैंने भी माना नहीं किया। तब मैंने आपनी बहन की मदद से अपनी पत्नी पूजा का फोन नंबर लिया पहली बार बात की कि ‘आपने मुझे शादी के बाद अभी तक देखा नहीं है और न मेरे बारे में कुछ जानती हैं’। यदि आप किसी और से प्यार करती हैं तो आराम से मुझे कह सकती हैं और मैं अपनी तरफ आपकी पूरा सहायता करूंगा और उससे मिला दूंगा। इस पर उसने कहा ऐसी कोई बात नहीं है। उस दिन से लेकर आज तक हमारे बीच एक प्यार भरा रिश्ता कायम होने लगा।
हमारी शादी को दस साल बीत चुके हैं पर ऐसा लगता है जैसे कि आज भी मैं अपनी पत्नी को उतना ही प्यार करता हूं जितना कि जब मेरी पत्नी गौना करके आई थी तब उसे किया करता था।जब भी तोड़ा समय तन्हांई में व्यतीत करने को मिलता है तो सोचा करता हूं कि कितने पागल है वो लोग जो कहा करते हैं कि शादी के बाद प्यार नहीं हुआ करता है। यह कहानी विजय (बदला हुआ नाम) की निजी जिंदगी की असल कहानी है.
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