- 247 Posts
- 1192 Comments
बड़ा हल्ला किया था फिर दिल दो, फिर दिल दो, देते-देते इतना दिल दे दिया कि बेचारी हॉकी टीम इस बोझ को संभाल न सकी और ऐसी मुंह की खाई जिसके क्या कहने. 12 टीमों की रेस में लगता है 12वें नंबर पर नजर है. और हो भी क्यों न आप लोगों ने भला इतना बड़ा बोझ जो दे दिया इनके सिर पर कि पगड़ी भी न संभाल सके. संदीप सिंह जिस बहादुरी से वर्ल्ड कप के शुरुआत में अपनी टीम के लिए लड़े थे, उससे उनकी सारी ताकत खत्म हो गई थी.
अब सवाल यह है कि जहां एक तरफ आयोजन से पहले सब दिल दो, दिल दो के नारे लगा रहे थे अब वह भला क्या करेंगे. हॉकी खिलाडियों ने तो इन दिलों के इतने टुकड़े किए हैं कि इन्हें वापस भी तो लेना सही नहीं होगा.
अब बात करते हैं कि आखिर ऐसा हुआ क्यों ?
भई, भारतीय टीम ने तो जैसे पाकिस्तान को पहले मैच में हरा कर पूरा विश्व कप ही जीत लिया या शायद वह सिर्फ पाकिस्तान को हराने के लिए ही विश्व कप में खेल रहे थे. पहले मैच में 3-1 से जीत हासिल हुई तो देशवासियों को लगा मुंडे आगे भी भूखे शेर की तरह खेलेंगे पर कहते हैं ना कि शेर तब तक शिकार नहीं करता जब तक उसको भूख नहीं होती और भारतीय खिलाडियों की भूख तो पहले मैच के बाद ही खत्म हो गई थी. उसके बाद तो जरा स्कोर बोर्ड पर गौर फरमाइए 5-2, 5-2, 4-3 और 3-2
काश भूख और होती तो …..नजारा ही अलग होता. मगर एक मैच के बाद तो सारा ध्यान जैसे वेतन के मिले पैसों को खर्च करने में लगा था.
खैर अब सवाल है इस टूटे दिल का करें क्या ?
मेरी मानों IPL को दिल दे दो और टीम चुनो दिल्ली डेयरडेविल्स को . गंभीर की कप्तानी , डिविलयर्स और सहवाग की धमाकेदार जोड़ी के साथ मेकग्रा का अनुभव . यकीन मानो हॉकी से ज्यादा मजा आएगा. अगर यह भी पसंद नहीं तो राष्ट्रमंडल खेलों को आने दो.
पर अभी तो IPLसे बड़ा कोई दूसरा खेलोत्सव नहीं होने जा रहा है और फिर जब दुनिया के बड़े-बड़े खिलाड़ी एक ही मंच पर होंगे तो यकीन मानो उत्साह और रोमांच अपने पूरे चरम पर पहुंच जाएगा.
तो क्या आप तैयार हैं हॉकी की हार के बाद IPLकी मस्ती में डूबने को?
तो क्या तैयार है आप IPL के खुमार में डुबने को ?
Read Comments