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जिनके पति थे हत्यारे वह बनीं राष्ट्रपति: SCANDALS OF PRATIBHA DEVI PATIL

थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
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बीते कई दिनों से भारत की राजधानी में यह सवाल उठ रह है कि आखिर क्यूं महिलाएं यहां असुरक्षित हैं ? लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं आखिर गलती है कहां? गलती है हमारे प्रशासन में. यहां एक रेपिस्ट को हम विधायक और नेता बनाते हैं तो उससे और उम्मीद भी हम क्या करेंगे? एक सजायाफ्ता मुजरिम को हम एमएलए बना देते हैं तो बोलिएं क्या किया जा सकता है. कल देश की पिछली राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का जन्मदिन था. इनके जन्मदिन पर मुझे कुछ तथ्य मिले जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं.


पहले उनके बारें में अच्छी बातें

भारत की बारहवीं राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभा पाटिल इस मायने में उल्लेखनीय हैं कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के शीर्ष राजनैतिक पद पर पहुंचने वाली वह पहली स्त्री हैं। उनके राष्ट्रपति बनने को लेकर उठे तमाम विवादों को विराम लग गया, जब जुलाई 2007 को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.जी.बालकृष्णन ने उन्हें सर्वोच्च पद की शपथ दिलाई। 1962 में पहली बार प्रतिभा राजनीतिक क्षेत्र में उतरीं। इससे पूर्व वह वकील थीं। वर्ष 2004 में उन्हें राजस्थान की प्रथम स्त्री राज्यपाल होने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने महाराष्ट्र के सामाजिक कल्याण, जनस्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण और शिक्षा विभाग में मंत्री पद संभाले। 1986 में राज्यसभा की उपाध्यक्ष बनीं। 1991 में लोकसभा क्षेत्र अमरावती से वह सांसद बनीं। भारतीय संविधान के तहत प्रधानमंत्री के हाथ में कार्यकारी अधिकार ज्यादा होते हैं, लेकिन सैद्धांतिक तौर पर राष्ट्रपति राज्य, सुप्रीम कोर्ट और सैन्य शक्तियों का मुखिया होता है। इस लिहाज से विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में पहली बार एक स्त्री का राष्ट्रपति पद तक पहुंचना समूची स्त्री जाति के लिए गौरव की बात है।


अब कुछ बुरा हो जाए तो वाकई सोच के लिए योग्य है

प्रतिभा पाटिल ने एक बार राजस्थान की एक सभा में कहा था कि राजस्थान की महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए पर्दा प्रथा आरंभहुई. यह बयां दर्शाता है कि प्रतिभा पाटिल जी काइतिहास ज्ञान शून्य है.

पति थे हत्यारें: प्रतिभा के पतिदेवी सिंह शेखावत पर स्कूली शिक्षक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने काआरोप है.


उनके परिवार पर घपले : चीनी मिल कर्ज में घोटाले, इंजीनियरिंग कालेज फंड में घपले और उनके परिवार पर भूखंड हड़पने जैसे संगीन आरोप भी प्रतिभा पाटिल से जुड़े हुए हैं.


यह बेहद निराशाजनक रहा कि राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग और वाम दलों की प्रत्याशी प्रतिभा पाटिल पर धोखाधड़ी और अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के बढ़ते आरोपों के बावजूद सत्ताधारी गठबंधन और उसके सहयोगियों ने उनकी प्रत्याशिता पर डटे रहने का फैसला किया. प्रतिभा पाटिल को विजयी बनाकर उन्होंने राष्ट्रपति भवन को आजादी के बाद से अपने सर्वाधिक विवादास्पद मेहमान का स्वागत करने के लिए मजबूर किया. प्रतिभा देवी प्रकरण के बाद तो ऐसे कई चेहरे आए जिन्होंने संवैधानिक प्रमुख के चयन में हम सब को नीचा दिखाया।


200 करोड़ का विमान खर्च: राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा ही अपने कार्यकाल में की गईं विदेश यात्राओं पर ही 200 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए हैं।

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