Menu
blogid : 355 postid : 1014

फ़िराक़’ गोरखपुरी की शायरी और गजले

थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
थोडा हल्का - जरा हटके (हास्य वयंग्य )
  • 247 Posts
  • 1192 Comments

फ़िराक़ गोरखपुरी बीसवीं सदी के उर्दू के महान शायर थे। फ़िराक़ का जन्म २८ अगस्त १८९६ में गोरखपुर में हुआ। आज उनकी पुण्यतिथि पर हाजिर है कुछ खास शायरी और गजलें.

Firaq Gorakhpuri – Shayari, Ghazals & Poetry

जाओ न तुम हमारी इस बेखबरी पर कि हमारे
हर ख्‍़वाब से इक अह्‌द की बुनियाद पड़ी है।

************************

Firaq Gorakhpuri – Shayari

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्नों इश्क धोखा है सब मगर फिर भी।

************************

Firaq Gorakhpuri – Gaazal

खन की शम्मां जलाओ बहुत उदास है रात
नवाए मीर सुनाओ बहुत उदास है रात
कोई कहे ये खयालों और ख्वाबों से
दिलों से दूर न जाओ बहुत उदास है रात
पड़े हो धुंधली फिजाओं में मुंह लपेटे हुये
सितारों सामने आओ बहुत उदास है रात।

************************

Firaq Gorakhpuri – Shayari

कहाँ वह खल्वतें दिन-रात की और अब यह आलम है,
कि जब मिलते हैं दिल कहता है, कोई तीसरा होता।

TAG: Hindi Shayari, HINDI SHAYARI, HINDI GAZALS, GHAZALS

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh