Menu
blogid : 15726 postid : 1317286

गाजर मूली के साथ धनिया मिर्ची फ्री – जग मोहन ठाकन

thaken views&news
thaken views&news
  • 35 Posts
  • 31 Comments

व्यंग्य – जग मोहन ठाकन

गाजर मूली के साथ धनिया मिर्ची फ्री
गली में कई दिनों बाद नत्थू सब्जी वाले की आवाज़ सुनाई दी । देखा तो सामने नत्थू ही अपनी गधा-रेहड़ी पर सब्जी लादे आवाज़ लगा रहा है । मैंने पूछा – अरे नत्थू ! सब कुशल तो है ? कहीं चले गए थे क्या ?
नहीं साहब , हम कहाँ जा सकते हैं । बस अपने इस गधे को अपने एक रिश्तेदार के वहाँ यूपी में भेज दिया था । यहाँ तो कोई खास धंधा था नहीं , यू पी में गधों की कुछ ज्यादा ही डिमांड बढ़ गई थी । वैसे भी वहाँ श्मशान घाट और कब्रिस्तान दोनों का काम ज़ोरों पर चल रहा था , सो इसे वहीं अपने एक रिश्तेदार के पास भेज दिया था । साहब ,जहां दो आने बचें, वहीं तो काम करना चाहिये ।
मैंने यों ही पूछ लिया – यू पी में कुछ ज्यादा ही काम की मारा मारी रही होगी , बेचारा गधा भी काफी कमजोर और थका थका सा लग रहा है । लगता है तेरे इस गधे को यू पी की हवा रास नहीं आई ।
अरे साहब , कुछ दिन यहाँ की आबो हवा में रहेगा , फिर ठीक हो जाएगा – नत्थू बोला ।
मैंने सलाह दी – अरे नत्थू , तू गुजरात से कोई मोटा ताज़ा गधा क्यों नहीं ले आता ? दिखने में भी सुंदर व स्मार्ट लगेगा और काम भी ज्यादा करेगा ।
अरे साहब , भगवान बचाए गुजरात के गधों से तो । हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और । साहब गुजराती गधे ग्राहक मार होते हैं । दिखने में तो बड़े स्मार्ट और खड़े कान वाले दिखते हैं , पर काम के मामले में , बस पूरे काम चोर । फली तक नहीं फोड़ते । हाँ , ढिंचू ढिंचू करने, लंगड़ी मारने और उछल कूदकर कान उठाकर चलने में तो एकदम माहिर होते हैं गुजराती गधे । नत्थू ने अपनी विशेषज्ञता दर्शाई ।
खैर छोड़ नत्थू गधों की बात, ताज़ा सब्जी कौन कौन सी है आज तेरे पास ? मैंने बात का रुख बदला ।
साहब , गाजर है , मूली है , आलू है , टमाटर है , गोभी है ,हरी मिर्ची है , हरा धनिया है , सारी हैं साहब । कुछ भी ले लो ।
पर मिर्ची और हरा धनिया तो गाजर मूली के साथ फ्री में ही देते होगे ? मैंने मोलभाव का रवैया अपनाया ।
अरे साहब , फ्री काहे की , हर सब्जी की अपनी अपनी कीमत है । मिर्ची और धनिया के तो अब सबसे ज्यादा अच्छे दिन आए हुए हैं ,ये तो सभी दूसरी सब्जियों से ज्यादा महंगी हैं ।
नहीं भाई नत्थू ,यह नहीं हो सकता । हमारे देश के प्रधान मंत्री स्वयं कह रहे हैं कि अन्य सब्जियों के साथ हरी मिर्ची तथा हरा धनिया तो गिफ्ट के तौर पर फ्री मं् ही मिलता है । अभी अभी तो यू पी के चुनाव में बोला है । उन्होने एक चुनाव सभा में कहा है कि पाँच चरण के चुनाव में तो यू पी के मतदाताओं ने उन्हें खूब वोट दिये हैं और शेष दो चरणों में भी अपने वोट बोनस के रूप में सब्जी बेचने वाले की तरह ही धनिया और हरी मिर्ची की तरह फ्री में देंगे ।
मेरी बात सुनते ही नत्थू ने आँखेँ तरेरी । बोला –तो बाबूजी अब शेष दो चरणों की सब्जी धनिया व हरी मिर्ची की तरह फ्री में मांगी जा रही है , क्या पहले वाले पाँच चरणों की सब्जी खरीद की गई है ?
मैं सोच नहीं पा रहा हूँ , क्या जवाब दूँ । क्या आपके पास है नत्थू के इस सवाल का जवाब ?
जग मोहन ठाकन
——

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh