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आतंकवाद का रंग

संपादकीय ब्लॉग
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देश में आजकल एक नया तूफान आतंकवाद के रंग को लेकर छिड़ चुका है. नेतागण आतंकवाद के विभिन्न रंगों को सामने लाने की कोशिश में हैं. कोई भगवा रंग बता रहा है आतंकवाद का तो कोई पूछ रहा है कि कश्मीर घाटी के आतंकवाद का रंग क्या है.


स्थिति जटिल है, हालात संवेदी हैं, मामला संगीन है. आतंकवाद को अलग-अलग व्याख्यायित करने का मोह खतरनाक है. हालांकि देश की जनता निश्चित रूप से सब कुछ समझती है फिर भी जनमत को अपनी ओर खींचने के लिए इस तरह का प्रयास निंदनीय और घृणास्पद है.


वोट के लिए आतंकवाद के रंगों की राजनीति कितनी खतरनाक हो सकती है ये भी इन्हें बखूबी मालूम है फिर भी ये अपना लालच दबा नहीं सकते और देश को खतरनाक राह पे ले जाने की कोशिश करते रहेंगे.


पहले गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि “भगवा आतंकवाद” के रूप में एक नई चीज सामने आई है. चिदंबरम के अनुसार देश में कई धमाकों के पीछे भगवा आतंकवाद का हाथ रहा है. अब उनसे पूछा जाना चाहिए कि भगवा शब्द को इस्तेमाल करने के पीछे उनकी मंशा क्या रही है. इसी के अगले घटनाक्रम में “भगवा आतंकवाद” पर पी. चिदंबरम को आड़े हाथों लेते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद का क्या रंग है यह भी बता दें.


यानी रंगों की राजनीति शुरू हो चुकी है. गृहमंत्री का बयान किसी अबोध शिशु की भांति नजर आता है जिसे ये पता ही नहीं हो कि उसके ऐसे वक्तव्यों का क्या परिणाम हो सकता है. जिसने बस किसी भोलेपन से भगवा नाम ले लिया और भगवा शब्द जिसके लिए केवल जिज्ञासा का प्रश्न हो.


राष्ट्र के शीर्ष पदों पे आसीन राजनेताओं द्वारा इस तरह का अनर्गल बयान केवल प्रलाप कहा जा सकता है. आतंकवाद को रंग की कैटगरी में बांट कर देखना तो निहायत ही दुखद है. एक क्रूर हिंसात्मक मानवद्रोही कृत्य को परिभाषित करने और उससे लड़ने की बजाय मजे से उसे रंगों की राजनीति का स्वरूप देकर किसी खास धर्म या विचारधारा को चोट पहुंचाना कहॉ तक अक्लमन्दी है. क्या हम ऐसे ही राजनेताओं की अपेक्षा करते हैं जो देश की सुरक्षा तो ना कर सकें बल्कि उसे भीतर से और खोखला बनाने का प्रयास करें.


क्या किसी आतंकवादी का भी कोई धर्म विशेष होता है या कि आतंकवाद रंग के अनुसार अपना चोला बदल सकता है. उत्तर सीधा है कि किसी आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता इसलिए उसका कोई मानवाधिकार भी नहीं हो सकता क्योंकि वो इंसान नहीं होता साथ ही आतंकवाद का केवल एक रंग है वह है क्रूर हिंसात्मक मानवद्रोही रंग.

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