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कट्टरता का बाजार

संपादकीय ब्लॉग
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हिंसा और कट्टरता का बाजार काफी बड़ा है. चाहे वो आतंकवाद के रूप में हो या फिर धार्मिक हिंसा और रूढ़ियों को मजबूत करने के रूप में. इसका ज्वलंत उदाहरण अभी ब्रिटेन के एक मुस्लिम केबल चैनल ने पेश किया है. चैनल ने अपने आप को विवादस्पद बनाते हुए ये कहा है कि घरेलू हिंसा और वैवाहिक बलात्कार सही है और कहा कि जो औरतें परफ़्यूम लगाती हैं वो वेश्याएँ हैं.


इस्लाम को बदनाम करने की कोशिशों के तहत और बाजार में शीघ्र पापुलर होने तथा लाभ कमाने की भावना से प्रेरित ये वक्तव्य कितने दकियानूसी भरे और महिलाओं के लिए अहितकारी हैं इसे साफ समझा जा सकता है. महिला केंद्रित रुढ़िवादी वक्तव्य देने से इन्हें लगता है कि अतिशीघ्र प्रचार मिलेगा और चैनल की टीआरपी बढ़ेगी लेकिन इन्हें इतना पता होना चाहिए कि इनके इस कृत्य से जनता इन्हें बहिष्कृत भी कर सकती है. आज जबकि दुनियां लगातार प्रगति कर रही है तब आप उसे फिर से पीछे नहीं ले जा सकते. और आप हैं कि लगातार कोशिशें किए जा रहे हैं दुनियां को मध्ययुगीन धारा में पहुंचाने के लिए.


हालांकि टीवी प्रसारण पर नज़र रखने वाली ब्रिटेन की संस्था ऑफ़्कॉम ने चैनल के कुछ कार्यक्रमों पर अपना ऐतराज़ भी जता दिया है. चैनल से जुड़ी शिकायतों की जाँच रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कार्यक्रम आपत्तिजनक हैं और निष्पक्षता के नियमों का उल्लंघन करते हैं.


ऑफ़्कॉम के अनुसार, एक कार्यक्रम में कहा गया कि वैवाहिक बलात्कार की अनुमति है जिसमें बल प्रयोग भी हो सकता है. इसके अलावा कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता ने एक जगह दर्शकों को ये सलाह दी कि औरतों के ख़िलाफ़ हिंसा की इजाज़त है और जो महिलाएँ इत्र लगाती हैं उन्हें वेश्या कहा जा सकता है. इस मामले को देखने के बाद इतना तो कहा ही जा सकता है कि कट्टरता का बाजार गर्म है और ये कट्टरता के विभिन्न रूपों में प्रकट हो रही है.

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