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क्रिकेट को जैंटलमेन गेम कहते हैं. इस खेल ने विश्व के अधिकतर हिस्सों में अपनी लोकप्रियता अपनी साफ छवि के बल पर बनाई. लेकिन अफसोस बाजारवाद का जादू यहां भी काफी चढ़ गया है. अब क्रिकेट फिक्सिंग के भूत के जाल में जकड़ता नजर आ रहा है. हाल ही में जो पाकिस्तानी टीम के चन्द खिलाडियों ने किया है उससे पूरा क्रिकेट जगत सकते में है. इस बार खिलाड़ियों पर मैच फिक्सिंग की बजाय स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे हैं. टीम के दो बॉलरों ने पैसे लेकर नो-बॉल की और विकेट के पीछे कामरान अकमल ने भी कई गलतियां जानबूझ कर की.
ब्रिटेन के समाचार पत्र ‘द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड‘ द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में मजहर माजीद नाम के एक बुकी ने समाचार पत्र से 150,000 पाउंड लिए और पहचान छुपाकर उससे मिलने वाले पत्र के संवाददाता से वादा किया कि पाकिस्तानी तेज गेंदबाज निर्धारित समय पर लार्ड्स टेस्ट में नो-बॉल फेंकेंगे. और वार्ता के मुताबिक आमेर ने इंग्लैड के खिलाफ तीसरे ओवर की पहली गेंद नो-बॉल की और दसवें ओवर की छठी बॉल पर मो. आसिफ ने नो-बॉल की.
माजीद ने यह भी बात कही कि उसकी जेब में सात पाकिस्तानी खिलाडीं हैं और इन सब में उसका साथ दे रहे हैं पाकिस्तानी कप्तान सलमान बट्ट.
स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने इस मामले में आमेर, आसिफ, बट्ट और अकमल से पूछताछ की है. हालांकि यह टेस्ट पाकिस्तान हार गया लेकिन फिक्सिंग का भूत उसके पीछे पड़ चुका है.
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