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‘हाथों में भले ही हैं चूड़ियां लेकिन वो कोई बंधन नहीं, जिम्मेदारियों से भरे है कंधे लेकिन फिर भी कोई उलझन नहीं, इस एक शब्द में समाई है दुनिया वह ‘मां’ के अलावा कोई और नहीं.’
बच्चा जब सबसे पहले दुनिया में आता है तो सबसे पहले अपनी मां को ही पहचानता है. जरा सोचिए, उस नवजात की आंखें भी नहीं खुली होती लेकिन एक अनदेखे एहसास और स्पर्श से वो अपनी मां को भीड़ में भी पहचान लेता है. धीरे-धीरे बड़े होने पर कई बातें वो अपनी मां से सीखता है इसलिए मां को बच्चे का पहला शिक्षक कहा जाता है.
वहीं बात करें आज की, तो बदलते वक्त में बेशक लोग सोसाइटी की बजाय सोशल मीडिया पर वक्त बिताना ज्यादा पसंद करने लगे हैं लेकिन फिर भी मां के साथ एक जुड़ाव है कि परेशानी के वक्त हमेशा मां ही याद आती है. दूसरी तरफ वैज्ञानिक शोध के अनुसार, किसी व्यक्ति के तनाव में होने पर यदि वो मां के साथ बातचीत करे या चुपचाप आकर उनके पास बैठ भी जाए तो 70 फीसदी तक का तनाव कम हो जाता है.
आपने भी जीवन के किसी न किसी मुश्किल पड़ाव पर मां से सबसे ज्यादा जुड़ाव महसूस किया होगा. तो अगर आपके पास मां से जुड़ा हुआ कोई यादगार अनुभव है तो आप हमारे मंच पर उसे शेयर कर सकते हैं. साथ ही इस ‘मदर्स डे’ आप अपनी मां के प्रति आभार व्यक्त करके उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत करवा सकते हैं, तो देर किस बात की अपने और अपनी प्यारी मां से जुड़े यादगार लम्हों या जीवन की किसी यादगार घटना को बांटिए ‘जागरण जंक्शन के मंच पर.
नोट : अपना ब्लॉग लिखते समय इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील और अशोभनीय न हो तथा किसी की भावनाओं को चोट न पहुंचाते हो.
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