Menu
blogid : 147 postid : 847289

ब्लॉग निमंत्रण :- बसंती बयार में प्रेम की फुहार

Jagran Junction Blog
Jagran Junction Blog
  • 158 Posts
  • 1211 Comments

भारत में प्रेम और बसंत ऋतु एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। पूस की कड़ाके की ठंड के बाद मौसम नव अँगड़ाई लेती है और खेतों में सरसों की लहलहाती फसलें फ़िज़ा की तरूणाई का एहसास कराती है। चटकती-सुनहली धूप हाड़ कँपाती ठंड को दूर भगा लोगों का मन मोहती है। आम के पेड़ों पर बौरें झूम-झूम कर अपने आने का संकेत देते हैं। अरूणोदय के समय कोयल की कूकें वातावरण में संगीत की तान पैदा करती है। बसंत ऋतु की बयारें मन को प्रफुल्लित कर प्रेमोत्सव मास की शुरूआत करता है।


एक तरफ तो ऋतुराज बसंत श्रृंगार युक्त प्रेमिका द्वारा पिया की बाट जोहने से उपजे विरह की अग्नि को और भड़काता है, लेकिन दूसरी तरफ प्रेमी-प्रेमिका की मौजूदगी को पूरे हर्षोल्लास से अपनी स्वीकृति प्रदान करता हुआ दिखता है। पिया की बाट जोहती एक प्रेयसी का मनोभाव किसी कवि ने अपने इन शब्दों में समेटने की कोशिश की है-


नज़र मिले तो पता लगाऊँ की तेरे मन का मिजाज़ क्या है

मगर कभी तू इधर तो आए नज़र से मेरे नज़र मिलाए।


लेकिन कवि हेमंत जोशी बसंत को सिर्फ मौसम नहीं मानते। उनके अनुसार –


किसी रंग का नाम नहीं होता बसंत

किसी मौसम का नाम भी नहीं होता
वह तो होता है रिश्ता
पीली सरसों का
धरती के साथ।


सचमुच बसंत रिश्ते का नाम है। फिर वो चाहे रिश्ता प्रेमी-जोड़ों का हो या विवाहित स्त्री-पुरूषों का या फिर किसी युवा के हृदय में हिलोरें मारते किसी पुण्य कार्य को कर गुजरने का हो! बसंत ऋतु के आगमन से शुरू हुआ प्रेम को उत्सव सरीखा मनाने का यह सिलसिला फागुन में रंगों के साथ तन-बदन पर पूरे उफान के साथ चढ़ा नजर आता है।


इस मौसम ने अगर आप पर भी बसंत के बयारों ने कोई असर डाला हो अथवा आपके मन में इसकी सुनहरी प्राकृतिक छटाओं ने कोई छाप छोड़ी हो या आप अपने हृदय में कलकल करती प्रेम की धारों से समस्त संसार को सराबोर करना चाहते हो तो  जागरण जंक्शन आपको दे रहा है ये मौका। आप अपनी यादों और अनुभवों को जंक्शन मंच पर कर सकते हैं साझा।


नोट: अपना ब्लॉग लिखते समय इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील और अशोभनीय ना हों और किसी की भावनाओं को चोट ना पहुँचाते हों।


Read more:

खिलौने में छुपी दिल की बात : टेडी डे

दुआ है हमारी, गुलाबों सी महके जिंदगी तुम्हारी

वैलेंटाइन डे का दूसरा दिन – प्रपोज डे

मीठी रिश्ते में घोलें थोड़ी और मिठास

कसमें-वादे खाने का दिन – प्रॉमिस डे

झप्पी से मिटेंगी दूरियां- हग डे

प्रेम एक पावन बंधन


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh