Menu
blogid : 147 postid : 955

क्या गुजरात में नरेंद्र मोदी लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?

Jagran Junction Blog
Jagran Junction Blog
  • 158 Posts
  • 1211 Comments

देश के एक अहम राज्य गुजरात में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं. गुजरात की 182 विधानसभा सीटों पर 13 व 17 दिसंबर को चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. इस चुनाव को कई सियासी दल 2014 के आम चुनावों की पहली झलक के तौर पर देख रहे हैं और इसके पीछे कारण भी सशक्त हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर मोदी जीतते हैं तो कहीं ना कहीं 2014 में उनके लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म खड़ा होगा और प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी और मजबूत होगी. लेकिन इन सब अगर-मगर से जरूरी सवाल है कि क्या नरेंद्र मोदी गुजरात में जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे?


मोदी के समर्थक और उनकी कार्यप्रणाली के समर्थक उनकी जीत की हैट्रिक को पक्की मान रहे हैं. उनके अनुसार भले ही नरेंद्र मोदी गुजरात दंगों के आरोप झेल रहे हैं लेकिन इसके बाद भी उनका प्रदेश पूरी तरह शांत और सुरक्षित है. वह किसी भी भेदभाव को बढ़ावा ना देकर केवल विकास को महत्व देने वाले कद्दावर नेता हैं.


2002 में जब मोदी ने सत्ता संभाली तब उनसे ज्यादा अपेक्षाएं नहीं थीं. राज्य में दंगे होने के बाद लगा कि मोदी लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे. लेकिन 2007 में उन्होंने ना सिर्फ शानदार वापसी की बल्कि खुद को और मजबूत किया. मोदी ने खुद को ‘लव मी और हेट मी’ के तर्ज पर ढाला जिसमें उनके कई विरोधी हैं तो कई समर्थक भी. वह अगर इस बार जीतने में सफल रहे तो 2014 के आम चुनाव में बतौर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार अपनी दावेदारी और मजबूत कर लेंगे.


लेकिन वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी और कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि मोदी का अड़ियल रवैया और विकास की जगह व्यक्ति के नाम पर मोदी द्वारा की जाने वाली राजनीति उनका बेड़ा गर्क करेगी. इन लोगों का मानना है कि अगर मोदी ने अपने कार्यकाल में विकास किया है तो वह डर क्यूं रहे हैं? क्यूं जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिए उन्हें गली-गली जाकर बार-बार रैलियां करनी पड़ रही हैं. कई लोग मोदी की सद्भावना रैली को उनके अंदर के डर की उपज मान रहे हैं. गुजरात दंगों से बेशक सीबीआई ने मोदी को पाक दामन साबित कर दिया हो लेकिन जनता की नजर में मोदी का स्थान क्या है यह चुनाव के बाद ही साफ हो पाएगा?


लेकिन राजनीति के गलियारों में तमाम उठापटक के बाद एक ही चीज हावी है कि शायद कहीं ना कहीं मोदी का पलड़ा भारी हो जाए. मोदी के प्रशंसक और गुजरात की तरक्की किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में जनता के लिए घोटालों और मंहगाई बढ़ाने के लिए दोषी माने जाने वाली कांग्रेस को वोट देना पाना मुश्किल लगता है. पर यहां इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह राजनीति है और यहां नामुमकिन कुछ नहीं.


उपरोक्त विचार-विमर्श के बाद अब यह सवाल उठता है कि क्या नरेंद्र मोदी गुजरात में पिछले दो विधानसभा चुनावों की जीत को दुहरा पाएंगे या कांग्रेस मोदी के विजय रथ को रोकने में सफल होगी? जागरण जंक्शन इस ब्लॉग के द्वारा उपरोक्त प्रश्न पर अपने पाठकों के विचार जानना चाहता है. आप अपना विचार स्वतंत्र ब्लॉग लिखकर या नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर दे सकते हैं.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh