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ब्रिटिश गुलामी से मिली आजादी को छह दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी भी भारत में कई ऐसी गंभीर समस्याएं हैं जिसके बारे में सोचकर तो यही लगता है कि जब तक इस देश में ‘गलाकाट राजनीति’ है तब तक किसी समस्या का समाधान निकालना बहुत ही मुश्किल है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारी भी ऐसी ही गंभीर समस्याएं हैं जो हर साल बरसाती मेंढ़क की तरह आती है और लोगों में दहशत पैदा करके चली जाती है।
जिस भारत की राजधानी दिल्ली पर पूरी दुनिया की नजर है उसी राजधानी में इस बीमारी ने कहर मचाया हुआ है। हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली के लोग इस आतंक में जी रहे हैं कि कहीं डेंगू उन्हें अपना शिकार न बना लें। अकेले दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया से 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि डेंगू के मामले न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे भारत में देखने को मिल रहे हैं। लेकिन विश्व में इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भी भारत सरकार इसको लेकर कोई स्थाई निदान नहीं निकाल पा रही है।
एक तरफ जहां केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर उदासीनता का आरोप लगा रही हैं, वहीं राज्य सरकारें, केंद्र पर ‘सौतेला व्यवहार’ करने का आरोप लगाती हैं, जिसकी वजह से देश की अधिकतर समस्याएं राजनीति की भेंट चढ़ जाती है। आजकल दिल्ली में भी यही हो रहा है। अगर आपको भी लगता है कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की समस्या सरकारों की नाकामयाबी और नेताओं की ‘गलाकाट राजनीति’ से बढ़ी है तो इस मुद्दे पर अपने विचार जागरण जंक्शन के साथ शेयर करें।
नोट: अपना ब्लॉग लिखते समय इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील और अशोभनीय न हो तथा किसी की भावनाओं को चोट न पहुंचाते हो.
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