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क्या संजय दत्त की सजा माफ करवाने की मुहिम सही दिशा की ओर है?

Jagran Junction Blog
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संजय दत्त को बम ब्लास्ट का दोषी नहीं पाया गया है। वह पहले ही काफी कष्ट झेल चुके हैं, इसीलिए उनकी सजा को माफ कर दिया जाना चाहिए


यह कहना है प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू का। क्योंकि उन्हें लगता है संजय दत्त पर बम धमाकों का कोई भी आरोप नहीं लगा है। 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के केस में संजय दत्त को पांच साल की सजा मिलने के बाद काटजू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन से यह अपील की है कि वह संजय दत्त की सजा माफ कर दें। उल्लेखनीय है कि संविधान के आर्टिकल 161 के अनुसार राज्यपाल अपने विवेकाधिकार का प्रयोग कर फांसी की सजा पाए कैदी को छोड़कर किसी भी अन्य व्यक्ति की सजा माफ कर सकते हैं।


मार्कंडेय काटजू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत संजय दत्त को दोषी पाया है जिसके आरोप में उन्हें न्यूनतम सजा सुनाई गई है। वहीं दूसरी ओर संजय दत्त को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। सरकार संजय दत्त की सजा माफ करवाने की हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार है वहीं विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि अगर संजय दत्त की सजा माफ कर दी गई तो यह जनता में गलत संदेश पहुंचाएगा। जनता को लगेगा कि बड़े लोग अपराध करके बच जाते हैं, उनका कानून के प्रति जो विश्वास है वह समाप्त हो जाएगा। इसीलिए उन्हें जो सजा दी गई है उसका उन्हें पालन करना चाहिए।


यह अतिश्योक्ति नहीं है कि भारत का एक आम नागरिक पूरी उम्र अपनी जेल में बिता देता है जबकि अभी तक उस पर लगे इल्जाम साबित ही नहीं हो पाते। वहीं दूसरी ओर हमारे लचर कानून की स्थिति इस हद तक खराब है कि कोई व्यक्ति अपनी पूरी उम्र बस इस इंतजार में गुजार देता है कि कभी तो उसके केस की तारीख आएगी। यह सब हमारी न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है जिस पर आवाजें नहीं उठतीं क्योंकि बात आम नागरिक की है। इस बार हल्ला इसीलिए मच रहा है क्योंकि बात सिलेब्रिटी की है।


सिलेब्रिटी होने का फायदा तो हर मोड़ पर मिलता है लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि क्या सिलेब्रिटी होने के नाते किसी का इतना बड़ा अपराध माफ किया जा सकता है या यूं कहें माफ कर दिया जाएगा? अगर कोई आम व्यक्ति इसी आरोप में सजा पाता तो क्या तब भी हमारी सरकार, कानून विशेषज्ञ इसी तरह उसे बचाने की मुहिम छेड़ते? एक ऐसे व्यक्ति के प्रति अपनी सहानुभूति रखना जिसने डी कंपनी के गुर्गों से एके 56 जैसे खतरनाक और विनाशक हथियार खरीदे थे, क्या जायज ठहराया जा सकता?


जागरण जंक्शन मंच आपके सामने एक बेहद गंभीर सवाल पेश कर रहा है कि क्या संजय दत्त के प्रति सहानुभूति रख उनकी सजा माफ करवाने की मुहिम सही दिशा की ओर है?


आप चाहें तो अपना स्वतंत्र ब्लॉग लिखकर अपनी बात मंच के अन्य सम्मानित सदस्यों के साथ बांट सकते हैं।


नोट: उपरोक्त मुद्दे पर आप कमेंट या स्वतंत्र ब्लॉग लिखकर अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं। किंतु इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील और अशोभनीय ना हों तथा किसी की भावनाओं को चोट ना पहुंचाते हों।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार

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