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समिति, रिपोर्ट, लचर रवैया

मुद्दा
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Mumbai attackइतिहास गवाह है, आतंकी हमलों के सबसे ज्यादा भुक्तभोगी हम हैं। हमारी आर्थिक राजधानी को आतंकी आसान निशाना समझकर बार-बार उस पर प्रहार करते हैं। 26 नवंबर को मुंबई हमले के बाद कई कदम उठाए जाने की घोषणा की गई। तीन साल बाद इनकी स्थिति पर एक नजर:


नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर

गठन 2010 तक किया जाना था

स्थिति: ड्राफ्ट प्रस्ताव पीएमओ में लंबित


मल्टी एजेंसी सेंटर

आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी

स्थिति: सक्रिय


नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (नेटग्रिड)

बैंक, रेलवे और इमीग्रेशन समेत  21 डाटाबेस का एक नेटवर्क इस साल के अंत तक स्थापित करने की योजना थी ।

स्थिति: लक्ष्य से दूर


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए)

आतंकी मामलों की जांच के लिए गठन

स्थिति: सक्रिय, सीमित रूप में सफल


विदेशियों का रजिस्ट्रेशन एवं ट्रैकिंग

भारतीय दूतावासों, इमीग्रेशन कार्यालय और सेंट्रल फॉरनर ब्यूरो के आपसी समन्वय से विदेशियों की वीजा से लेकर आवाजाही पर नजर रखने का प्रस्ताव ।

स्थिति: कार्य प्रगति में


राष्ट्रीय सुरक्षा दस्ते (एनएसजी)

बड़े शहरों में एनएसजी केंद्र की स्थापना

स्थिति: मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में हब बनाया गया है। भोपाल में हब बनाया जाना अभी बाकी है।



तटीय सुरक्षा के लिए उठाए कदम

समुद्री सुरक्षा सलाहकार

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तर्ज पर एक सलाहकार की नियुक्ति का प्रस्ताव।

स्थिति: अधर में


नौकाओं का रजिस्ट्रेशन

भारतीय जल सीमा के भीतर की सारी नौकाओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

स्थिति: काम अधूरा


मछुआरों के लिए पहचान-पत्र

स्थिति: अधिकांश राज्यों में अधूरा


संयुक्त ऑपरेशन केंद्र की स्थापना

तटीय बल, नौसेना और समुद्री पुलिस, कस्टम और इंटेलीजेंस ब्यूरो के बीच तालमेल स्थापित किया जाएगा।

स्थिति: नौसेना ने मुंबई, कोच्चि, विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर में केंद्र स्थापित किए।


सागर प्रहरी बल

नौसेना के अधीन तटीय सुरक्षा लिए एक नए विशेष दस्ते का गठन किया जाएगा।

स्थिति: पहला बैच तैयार


मुंबई के लिए

खुफिया व्यवस्था में सुधार

स्थिति: अंदरूनी खींचतान की वजह से एटीएस में 50 प्रतिशत स्टाफ की कमी विशेषज्ञों के अनुसार आतंकियों को अपराधियों से अलग रखने के कारण खुफिया जानकारियां नहीं मिल पा रही है।


सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था

स्थिति: हाल ही में सरकार ने 5000 क्लोज सर्किट कैमरे लगाने की सहमति दी।


सुरक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण और समीक्षा के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन

स्थिति: गृह मंत्रालय के अधीन इस समिति को राज्य की आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए नियमित तौर पर प्रत्येक सप्ताह बैठक करनी थी। लेकिन पिछले एक साल से साप्ताहिक समीक्षा नहीं की जा रही है।


विशेष दस्ते की स्थापना

स्थिति: सरकार ने फोर्स-1 नामक एक विशेष दस्ते का गठन किया था। इसमें 352 कमांडो को शामिल करने का लक्ष्य था। अभी तक 220 कमांडो को प्रशिक्षित किया गया है।


पुलिस व्यवस्था का आधुनिकीकरण

स्थिति: राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय और पुलिस का बजट बढ़ाया है। लेकिन आधुनिकीकरण के लिए जरूरी सामान खरीदने की प्रक्रिया बेहद सुस्त है। दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुलिस के पास कुशल श्रम शक्ति का अभाव है।


जनमत

chart-1क्या अमेरिका की तरह हमें भी आतंक को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए?

हां: 99%


नहीं: 01%


chart-2क्या आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने को लेकर राजनीति की जा रही है?

हां: 80%


नहीं: 20%

आपकी आवाज

आज सारा देश आतंकवाद पर सख्त कदम उठाए जाने की मांग कर रहा है, लेकिन हमारे नेताओं ने हाथ में चूड़ियां पहन रखी हैं।-अरेंद्रदूबे@याहू.कॉम


आतंकवाद पर सरकार को राजनीति करने की जगह ठोस कदम उठाना चाहिए।-नयितत्यागी@याहू.इन


वोट बैंक की राजनीति करने वाले देश में आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने का ख्याल बेमानी है।-नारायण कैरो, लोहरदगा


हमारे देश में हर समस्या पर राजनीति की जाती है जिससे वह सुलझने के बजाय और उलझ जाती है।-राजू09023693142@जीमेल.कॉम


11 सितंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “कब तक सहेंगे हम!”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

11 सितंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “नई जमात के आतंकियों ने बदला तौर-तरीका”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

11 सितंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “अभेद्य दुर्ग अमेरिका”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

11 सितंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “9/11: तारीख, बदल दी दुनिया”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.


साभार : दैनिक जागरण 11 सितंबर 2011 (रविवार)

नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.


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