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मुंबई के पूर्व शेरिफ एवं वरिष्ठ समाजसेवी नाना चुड़ासमा पिछले 42 साल से मुंबई के
मरीन ड्राइव पर लगभग हर सप्ताह देश-दुनिया से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित एक चुटीला बैनर लगाते आ रहे हैं। जरा देखिए, पत्रकार जे डे की हत्या पर नाना का बैनर क्या कह रहा है
अपने दुग्ध के लिए जानी-जाने वाली कंपनी अमूल ने मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जे डे को कुछ इस तरह दी श्रद्धांजलि|
जरा हटके जरा बचके, यह है मुंबई मेरी जान
देश की आर्थिक राजधानी मायानगरी मुंबई संगठित अपराधों का भी केंद्र बन चुकी है। बालू, तेल और डीजल माफिया व चिर–परिचित अंडरवल्र्ड जैसे गैंग यहां सक्रिय हैं। करोड़ों रुपयों का कारोबार करने वाले ये गैंग इतने खतरनाक है कि अपने रास्ते की रुकावट बनने वाले को हटाने में इन्हें तनिक भी हिचकिचाहट नहीं होती है।
इस काले कारोबार का टर्नओवर एक हजार करोड़ रुपये का है।
तेल माफिया: कई करोड़ के तेल चोरी और इसमें मिलावट के रैकेट का कुछ महीने तब भंडाफोड़ हुआ जब मालेगांव के अपर जिलाधिकारी यशवंत सोनवाने को एक छापे के दौरान मिलावटखोरों ने जलाकर मार डाला। इस घटना से न केवल तेल माफिया का काला चेहरा उजागर हुआ बल्कि इस धंधे में पुलिस और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई। इसका कारोबार 300 करोड़ रुपये का है।
डीजल माफिया: पिछले बीस सालों से मुंबई और नवी मुंबई के बंदरगाहों पर डीजल की तस्करी चोखा धंधा बनी हुई है। डीजल माफिया के तहत कई रैकेट काम कर रहे हैं। केवल मुंबई पोर्ट ट्रस्ट से इस काले कारोबार द्वारा सालाना 50-60 करोड़ रुपये की कमाई की जा रही है।
इस खतरनाक धंधे में पोर्ट अधिकारियों से लेकर पुलिस और कस्टम अधिकारियों की मिलीभगत होती है।
अंडरवर्ल्ड: शहर के परंपरागत अंडरवर्ल्ड के अधिकांश बड़े गिरोह अब अपना कारोबार विदेश में बैठकर चलाते हैैं। उनका गैैंग छोटे–छोटे संगठनों और अलग हुए गिरोहों के साथ मिलकर अपना काम कर रहा है। इस कारोबार की चकाचौंध और रातोंरात डॉन बनने की चाहत में युवाओं की एक ऐसी नस्ल तैयार हो रही है जिनको अधिकारियों और पत्रकारों पर हमला करने में बिलकुल डर नहीं लगता। रवि पुजारी, हेमंत पुजारी, एजाज लकड़ावाला, बंटी पांडेय, संतोष शेट्टी, विजय शेट्टी, गुरु साटम और फहीम मचमच जैसे डॉन विदेश में शरण लिए हुए हैं। केवल दाऊद इब्राहीम का छोटा भाई इकबाल कासकर और अरुण गवली लगातार मुंबई को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। सीमापार बैठा दाऊद का ढेर सारा पैसा रीयल स्टेट, शॉपिंग मॉल और अन्य कारोबारों में लगा है। उसका मुंबई में कुल निवेश करीब पांच हजार करोड़ रुपये हैं। एक समय था जब मुंबई की गलियों में आए दिन गैंगवार होती थी। यहां की सड़कों पर पानी की तरह खून बहता था। उगाही के धंधे से शुरुआत करने वाले छोटा राजन ने 1993 में मुंबई बम विस्फोट कांड के बाद दाऊद से अलग गिरोह बनाया। तब एजाज पठान,पुजारी गिरोह, शेट्टी गिरोह, भरत नेपाली, बंटी पांडेय, और गुरु साटम ने इसका साथ देते हुए दाऊद को छोड़ दिया था। इस अलगाव ने दोनों गैंग में सीधा युद्ध छेड़ दिया। दोनों गैंग तब से एक दूसरे के जानी दुश्मन बने हुए हैं|
लागा वर्दी पर दाग!
मुंबई के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के पास अकूत संपत्ति के चलते उनपर अपराधियों से मिलीभगत के आरोप लग चुके हैं। बता रहे हैं ओमप्रकाश तिवारी
प्रदीप शर्मा: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे रामदास कदम ने एक बार यह मुद्दा उठाकर सबको चौंका दिया था कि प्रदीप शर्मा के पास 3000 करोड़ रुपयों की संपत्ति है। ये संपत्तियां शॉपिंग मॉल, बीयर बार, भवन निर्माण जैसी अचल संपत्ति के रूप में हैैं। जहां तक शर्मा के अंडरवल्र्ड से संबंधों की बात है, माना जाता है कि वह पहले छोटा राजन गैैंग के लिए काम करते थे। फिलहाल, 114 एनकाउंटर करने वाले शर्मा इन दिनों एक फर्जी एनकाउंटर के आरोप में पुलिस की नौकरी से बर्खास्त होकर जेल की हवा खा रहे है।
दयानायक: मुंबई के दूसरे बड़े एनकाउंटर किंग दया नायक अंडरवल्र्ड से संबंध रखने और अकूत संपत्ति बनाने के आरोप में निलंबित चल रहे है।
एक अनुमान के मुताबिक उनके पास 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
विजयसालस्कर: आतंकवादी कसाब के हाथों मारे गए सालस्कर भी किसी से पीछे नहीं थे।
छोटा शकील के शुभचिंतक माने जाते वाले सालस्कर के पास भी करोड़ों की संपत्ति होने की बात कही जाती है।
डीसीपीप्रदीप सावंत: कहा जाता है कि यह छोटा राजन व छोटा शकील के पे–रोल पर थे। तेलगी घोटाले की जांच के दौरान सावंत को गिरफ्तार करने वाले विशेष जांच दल के अधिकारियों की मानें तो सावंत का दुबई में 500 करोड़ रुपये
का एक पांचसितारा होटल है।
एक पूर्व गृहमंत्री के करीबी माने जानेवाले सावंत मुंबई पुलिस में आयुक्त के समानांतर सत्ता चलाते थे।
साभार : दैनिक जागरण 26 जून 2011 (रविवार)
नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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