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अपनी माटी का मोह किसे नहीं होता। देश में कई जगह इसी मोह के चलते किसानों ने अपनी अधिग्र्रहीत की गई जमीन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकार द्वारा भूमि के अधिग्र्रहण के खिलाफ देश के बड़े भूभाग पर किसानों के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है।
विस्तार: 17 राज्यों के 40 जिलों में
विवादित जमीन का रकबा: 3.69 लाख एकड़
प्रभावित आबादी: 10 करोड़
भूमि: अधिकांश भूमि उपजाऊ है जिनपर खेती की जा रही है
कहां कहां मचा है बवाल
राज्य एवं जिले जमीन (एकड़ में)
उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेशआगरा, अलीगढ़, चंदौली, गौतमबुद्ध नगआगरा, अलीगढ़, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर :1,76,336
महाराष्ट्र, नागपुर, रायगढ़, रत्नागिरी, पुणे : 45,600
छत्तीसगढ़, बस्तर,जांजगीर-चंपा : 42,o63
उड़ीसा, जगतसिंह पुर, जाजपुर, कालाहांडी, गंजाम : 41,800
गुजरात, भावनगर, कच्छ : 6,529
हिमाचल प्रदेश-कुल्लू, किन्नौर, श्रीमौर, चंबा ; 2,817
बिहार- औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर :1,744
आंध्र प्रदेश- ईस्ट गोदावरी,महबूबनगर, श्रीकाकुलम, नेल्लोर,विशाखापत्तनम : 21,739
हरियाणा और फतेहाबाद : 1,500
पंजाब, मोहाली : 770
तमिलनाडु,मदुरई, तिरुवल्लुर, तूतीकोरिन : 5,000
चंडीगढ़ :167
मेघालय, ईस्ट खासी :111
केरल, कोच्चि :100
कर्नाटकडी कन्नडा : 1800
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22 मई को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “मौजूदा भूमि अधिग्रहण कानून” पढ़ने के लिए क्लिक करें
22 मई को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “माटी का मोह” पढ़ने के लिए क्लिक करें
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साभार : दैनिक जागरण 22 मई 2011 (रविवार)
नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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