- 442 Posts
- 263 Comments
यह शासन की ऐसी प्रणाली है जिसमें राष्ट्र के मामलों को सार्वजनिक माना जाता है। यह किसी शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है। राष्ट्र का मुखिया वंशानुगत नहीं होता है। उसको प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित या नियुक्त किया जाता है। आधुनिक अर्थों में गणतंत्र से आशय सरकार के उस रूप से है जहां राष्ट्र का मुखिया राजा नहीं होता है। वर्तमान में दुनिया के 206 संप्रभु राष्ट्रों में से 135 देश आधिकारिक रूप से अपने नाम के साथ ‘रिपब्लिक’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे आधुनिक गणतंत्रों में कार्यपालिका को संविधान और जनता के निर्वाचन अधिकार द्वारा वैधता प्रदान की गई है।
उत्पत्ति
मध्ययुगीन उत्तरी इटली में कई ऐसे राज्य थे जहां राजशाही के बजाय कम्यून आधारित व्यवस्था थी। सबसे पहले इतालवी लेखक गिओवेनी विलेनी (1280-1348) ने इस तरह के प्राचीन राज्यों को लिबर्टिस पापुली (स्वतंत्र लोग) कहा। उसके बाद 15वीं शताब्दी में पहले आधुनिक इतिहासकार माने जाने वाले लियोनार्डो ब्रूनी (1370-1444) ने इस तरह के राज्यों को ‘रेस पब्लिका’ नाम दिया। लैटिन भाषा के इस शब्द का अंगे्रजी में अर्थ है- पब्लिक अफेयर्स (सार्वजनिक मामले)। इसी से रिपब्लिक शब्द की उत्पत्ति हुई है।
संप्रभु राष्ट्र
इसका आशय ऐसी सरकार से है जिसकी एक निश्चित भू-भाग में सर्वोच्च सत्ता होती है। यह ऐसा राष्ट्र होता है जो किसी भी मसले पर किसी अन्य शक्ति या देश पर निर्भर नहीं होता है। यह अन्य देशों के साथ स्वतंत्र संबंध रखने में सक्षम होता है।
शासन के स्वरूप
लोकतंत्र : लोकतंत्र के अंतर्गत शासन में जनता की भागीदारी होती है। यानी जनता का शासन होता है। इसमें नागरिक समान रूप से मताधिकार के जरिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। इसका आशय राजनीतिक स्व-निर्धारण द्वारा स्वतंत्र और समान रूप से सामाजिक,आर्थिक और सांस्कृतिक लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है। लोकतंत्र शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द डेमाक्रेटिका से हुई है, जिसका अर्थ होता है-जनता का शासन।
कुलीन तंत्र : कुलीन शासन (एरिस्टोक्रेसी या ओलिगार्की) में सत्ता की बागडोर
कुछ ही लोगों के हाथों में केंद्रित होती है। यह लघु समूह आभिजात्य, पारिवारिक संबंध, धन, शिक्षा, कारपोरेट या सैन्य नियंत्रण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
एकाधिकारवादी : सत्ता केवल कुछ राजनीतिज्ञों के हाथों में केंद्रित रहती है। यह प्रणाली आमतौर पर व्यक्तिवाद और स्वतंत्रता का विरोध करती है।
Read More:
Tags:Current Status Of India, India, India Politics, Politics Of India, भारत, भारत की राजनीति, भारतीय राजनीति, गणतंत्र का इतिहास, भारत का गणतंत्र
Read Comments