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सशक्त मुहिम

मुद्दा
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दिन दूना रात चौगुना आकार धरने वाले भ्रष्टाचार से जनमानस की अकुलाहट का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। दैनिक जागरण को भी अवाम की इस व्याकुलता का भान बहुत पहले से था। इसी क्रम में हमने भ्रष्टाचार के कई आयामों और इनसे कारगर तरीके से निपटने वाले मुद्दों को समय-समय पर उठाया है।

28 नवंबर 2010
घोटाले दर घोटाले। आलम यह है कि जब तक जांच एजेंसियां किसी घोटाले की तह तक पहुंचती हैं तब तक दूसरा घोटाले सामने आ जाता है। सुविधाभोगी होते समाज को भ्रष्टाचार का अजगर निगल रहा है.

5 दिसंबर 2010
जब-जब पारदर्शिता पर गैरजरूरी गोपनीयता का लबादा ओढ़ाया गया है समाज उथल-पुथल का शिकार हुआ है। जनता को अपनी चुनी गई सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को जानने का पूरा अधिकार है।

26 दिसंबर 2010
भ्रष्टाचार की नित उघड़ती नई ΄परतों से देश की कौन सी तस्वीर उभर रही है? इससे उबरने की जिद्दोजहद हम कितनी शिद्दत से महसूस कर रहे हैं? क्या आज मुल्क के शीर्ष पर विराजमान लोग व्यक्तिगत तौर ‘ईमानदार’ हैं?

9 जनवरी 2011
भ्रष्टाचार से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए कहीं न कहींदेश की जांच एजेंसियों की अक्षमता आडे़ आती है। अगर ये जांच एजेंसियां स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपने कार्य को अंजाम दें, तो लक्ष्य दूर नहीं होगा.

16 जनवरी 2011
भ्रष्टाचार और इसमें शामिल नेताओं को सजा देने के लिए सरकार द्वारा लाया जा रहा लोकपाल विधेयक नख-दंत हीन है। इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो इसकी सार्थकता सिद्ध कर सके.

30 जनवरी 2011
मिलावटखोरों ने व्हिसलब्लोअर यशवंत सोनवाने की हत्या कर दी। देश में भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों के संरक्षण का प्रावधान नहीं है।

6 फरवरी 2011
भ्रष्टाचार और काला धन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भ्रष्टाचार से अर्जित धन को देशद्रोहियों द्वारा विदेशों में भेजा जाता है.


20 फरवरी 2011
कानूनी दायरे में रहने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का गलत विवरण पेशकर भ्रष्टाचार का सहारा लेना पड़ता है।

3 अप्रैल 2011
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए खासतौर पर बनाया गया लोकपाल विधेयक पिछले 42 साल से पारित नहीं हो पा रहा है।

10 अप्रैल को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “एक नई शुरुआत” पढ़ने के लिए क्लिक करें

10 अप्रैल को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “खत्म होगा 42 साल का इंतजार” पढ़ने के लिए क्लिक करें

10 अप्रैल को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “आंदोलन के आगाज से अंजाम तक…” पढ़ने के लिए क्लिक करें

साभार : दैनिक जागरण 10 अप्रैल 2011 (रविवार)
मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.

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