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जनमत

मुद्दा
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chart one

क्या केवल धन की प्रचुरता ही समृद्धि का सूचक है?

chart two

क्या चरित्र, नैतिकता और प्रकृति को परे रख कर हासिल की गयी आर्थिक समृद्धि उचित है?

आपकी आवाज

नैतिक और सामाजिक मूल्यों के निर्वहन के साथ हुई धन की प्रचुरता समृद्धि और सपन्नता का प्रतिक है.

मनीषा श्रीवास्तव
धन की प्रचुरता समृद्धि में सहायक है, सब कुछ नहीं.

गीता दुबे
इस तरीके से हासिल समृद्धि बिलकुल उचित नहीं है. यह लोग समाज और देश को विघटन की ओर ले जाएगी.

अजय
नैतिकता और चरित्र को अलग रख कर विकास धोखा है, प्रकृति तो हमारी माँ-बाप है.

एके .सिंह

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