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अंतरबेसिन जल स्थानांतरण द्वारा सिंचाई, बाढ़ की रोकथाम और जल प्रबंधन के प्रयास इससे पहले भी किए गए हैं। देश और विदेश में ऐसे सफल प्रयोगों द्वारा जनजनित समस्याओं को दूर करके खुशहाल जीवन जिया जा रहा है.
पेरियार प्रोजेक्ट
19वीं सदी का यह एक प्रमुख प्रोजेक्ट था। इसमें पेरियार बेसिन के पानी को वैगेई बेसिन में स्थानांतरित किया गया। शुरुआत में इसके उपयोग से 57,923 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जा सकी। बाद में इसका विस्तार करते हुए 81,069 हेक्टेयर भूमि तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाई गई। इस पर एक 140 मेगावाट क्षमता का एक बिजली घर भी है.
करनूल-कुडप्पा नहर
इस परियोजना के तहत कृष्णा बेसिन से पेन्नार बेसिन तक जल पहुंचाया जाता है।
इससे करीब 52,746 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई की जाती है
परम्बीकुलम अलियर
यह प्रोजेक्ट चेलाकुडी बेसिन से पानी को भरतपुरा और कावेरी बेसिन तक पहुंचाता है। ये पानी अंतिम रूप से तमिलनाडु के कोयंबटूर और केरल के चित्तूर जिले के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचता है.
तेलुगु-गंगा प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चेन्नई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। इसमें कृष्णा नदी के जल को श्रीसैलम जलाशय के सहारे एक नहर द्वारा पहुंचाया जाता है। यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सहयोग से ही संभव हो सका है.
रावी-व्यास-सतलुज-इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट
विशेष रूप से राजस्थान के थार इलाके के लिए शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट इस बात का प्रतीक है कि किस प्रकार बडे़ अंतरबेसिन के स्थानांतरण द्वारा किसी बड़े क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक समृद्धि के साथ वहां के पर्यावरण को भी लाभ मिलता है.
परदेश में
अमेरिका
कैलीफोर्निया स्टेट वाटर प्रोजेक्ट द्वारा इस राज्य के उत्तरी हिस्से से 4 क्यूबिक किमी जल का प्रवाह मध्य और दक्षिणी हिस्से में 1973 से किया जा रहा है। टेक्सास और न्यू मेक्सिको में जल के पुर्नवितरण के लिए टेक्सास वाटर प्लान पर काम चल रहा है। यह 2020 की जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा। इसी तरह कोलोराडो नदी के पानी की स्थानांतरित किया जा रहा है.
कनाडा
केमानो, चर्चिल डायवर्जन, जेम्स बे, चर्चिल फाल्स जैसे कई अंतरबेसिन जल स्थानांतरण यहां मौजूद हैं।
इसके अलावा कई परियोजनाओं मसलन ओगोकी और लांग लेक जैसे प्रोजेक्ट के प्लान पर काम हो रहा है.
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19 जून को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “…थम न जाए धारा” पढ़ने के लिए क्लिक करें.
19 जून को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “बिन नदियां सब सून” पढ़ने के लिए क्लिक करें.
साभार : दैनिक जागरण 19 जून 2011 (रविवार)
नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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