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सरोकार: जब-जब जनहित से जुड़े मुद्दों पर कार्यपालिका या विधायिका द्वारा लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है, न्यायपालिका ने एक कदम आगे बढ़कर उन मसलों को अंजाम तक पहुंचाने में हरसंभव कोशिश की है।
समाधान: भले ही इसे लोकतंत्र के प्रमुख खंभों के बीच के टकराव के रूप में देखा गया हो, लेकिन इसके नतीजे आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं। चाहे वह वायु प्रदूषण का मामला हो, गंगा के प्रदूषण की स्थिति हो या ताजमहल जैसे राष्ट्रीय धरोहरों को संरक्षित किए जाने का मामला हो। हाल ही में प्लास्टिक पर सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रतिबंध भी अदालत की पहल का ही परिणाम है। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्राम सभाओं की जमीनों पर किए गए अतिक्रमण को ढहाने का निर्देश भी दिया गया है।
सक्रियता: राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और कार्यपालिका की लापरवाही या कच्छप चाल के चलते न्यायपालिका को ऐसी सक्रियता दिखाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। जनहित से जुड़े मुद्दों के लिए न्यायिक सक्रियता बड़ा मुद्दा है।
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