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पड़ोसी खुशहाल और तरक्की पसंद हो, तो उससे खतरे की आधी चिंता स्वत: ही समाप्त हो जाती है। भारत के मामले में स्थितियां थोड़ी जुदा हैं। कई अहम विवादों के चलते प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन से हमारी जंग हो चुकी है। बीच-बीच में ये विवाद फिर से युद्ध के हालात पैदा करते रहते हैं। सीमा पर पड़ोसियों की आक्रामकता हमें तैयारी के लिए बाध्य करती रहती है। बांग्लादेश भले ही छोटा देश हो, और उसके अस्तित्व में आने के पीछे हमारा अहम योगदान हो, लेकिन खतरे वहां से भी कम नहीं हैं।
भारत-पाक विवाद
सुरक्षा: मुंबई पर 26/11 आतंकी हमले के बाद दोनों के संबंधों में तल्खी इतनी बढ़ गई कि भारत ने पाकिस्तान से किसी भी स्तर की बातचीत से इंकार कर दिया था.
पाकिस्तान भी आरोप लगाता है कि भारत ने उसके बलूचिस्तान में गड़बड़ी फैला रखी है.
अफगानिस्तान
पाकिस्तान को आशंका है कि अफगानिस्तान में उसके समर्थन वाली तालिबान सरकार के पतन के बाद भारत वहां अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिशों में लगातार लगा हुआ है।
कश्मीर विवाद
इस पर चार बार दोनों के बीच जंग हुई है.
जल विवाद
पाकिस्तान का आरोप है कि भारत बांध बनाकर अप्रत्यक्ष रूप से सिंधु बेसिन की नदियों के रुख को मोड़ना चाहता है। भारत इसका खंडन करता है.
सियाचिन
भारत का कहना है कि वह सियाचिन से अपनी सेनाएं तब तक नहीं हटाएगा जब तक पाकिस्तान इसको औपचारिक रूप से भारत का क्षेत्र नहीं घोषित कर देता.
चीन से विवाद
भारतीय पक्ष
* ब्रिटिश भारत और तिब्बत ने 1914 में शिमला समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मैकमोहन रेखा का निर्धारण किया.
* यह भी मानना है कि इस सीमारेखा का निर्धारण हिमालय के सर्वोच्च शिखर तक किया गया है। चीन इस समझौते को नहीं मानता है.
चीनी पक्ष
* मैकमोहन रेखा को अवैध मानता है लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] की वास्तविक स्थिति कमोबेश यही है.
* इस क्षेत्र में हिमालय प्राकृतिक सीमा का निर्धारण नहीं करता क्योंकि अनेक नदियों यहां से निकलती हैं और सीमाओं को काटती हैं.
विवाद के बिंदु
सिक्किम-तिब्बत सीमा को छोड़कर लगभग पूरी भारत-चीन सीमारेखा विवादित है :
वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] : 4,056 किमी
अक्साई चिन : भारत का दावा लेकिन वास्तव में चीन का नियंत्रण है.
अरुणाचल प्रदेश : चीन का दावा लेकिन भारत के नियंत्रण में है.
ब्रह्मपुत्र नदी : चीन यारलुंग सांग्पो [ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम] नदी की धारा को मोड़कर अपने शुष्क उत्तर-पूर्व या उत्तर पश्चिम में जिनजियांग प्रांत तक जल पहुंचाना चाहता है। भारत के भारी विरोध और दबाव के बाद उसने अपनी योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है.
दक्षिण चीन सागर मसला
दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में भारत-वियतनाम समझौते के तहत भारत इस क्षेत्र में तेल खनन का कार्य कर रहा है। हाल में चीन ने उस क्षेत्र में अपनी संप्रभुता की बात कहते हुए भारत को वहां से हटने की बात कही। वियतनाम ने भारत का समर्थन करते हुए उस क्षेत्र को अपना बताया है
स्ट्रिंग आफ पर्ल
हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए चीन, पाकिस्तान के ग्वादर, बांग्लादेश के चटगांव, श्रीलंका के हम्बनटोटा में पत्तन बनाना चाहता है.
वीजा विवाद
अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को चीन वीजा नहीं देता। इसी तरह वह जम्मू कश्मीर के नागरिकों को अलग से नत्थी वीजा देता है.
अन्य विवादित क्षेत्र
* सिक्किम-तिब्बत-पश्चिम बंगाल सीमा के मिलन बिंदु, तवांग के उत्तर में सुमदोरोंग चू.
* एलएसी में पांच या छह ऐसे बिंदु हैं जो दोनों देशों के बीच विवादित हैं.
भारत-बांग्लादेश विवाद
भारत के ही सहयोग से बांग्लादेश अस्तित्व में आया लेकिन उसके बाद दोनों देशों रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। वहां की शेख हसीना के नेतृत्व वाली वर्तमान अवामी लीग सरकार को भारत समर्थक माना जाता है जबकि बेगम खालिदा जिया की विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी [बीएनपी] पाकिस्तान के प्रति झुकाव रखती है :
फरक्का बैराज
* हुगली नदी में जल की मात्रा बढ़ाने के लिए भारत द्वारा निर्मित फरक्का बैराज दोनों देशों के बीच विवाद का कारण है। बांग्लादेश का आरोप है कि उसको सूखे दिनों में गंगा नदी का पर्याप्त जल नहीं मिलता है और मानसून ऋतु में भारत द्वारा अधिक जल छोड़े जाने के कारण वहां बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिससे हर साल भारी तबाही मचती है.
* बांग्लादेश की जमीन से आतंकी कार्रवाई को अंजाम देने वाले संगठन हरकत-उल-जिहाद-उल-इस्लामी [हुजी] और बंग सेना की गतिविधियां भारत के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं.
* अवैध रूप से बांग्लादेश से आने वाले लोग भारत में गड़बड़ी फैलाकर अशांति पैदा करते हैं.
* बंगाल की खाड़ी के कुछ जल क्षेत्र पर दोनों पक्षों की दावेदारी.
* सीमा पर दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच अक्सर तनातनी देखने को मिलती है। कई बार तो स्थितियां विस्फोटक रूप ले चुकी हैं.
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