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मुख्य कलाकार : अक्षय कुमार, तृषा कृष्णन, उर्वशी शर्मा, राजपाल यादव, जानी लीवर, मकरंद देशपांडे, अरूणा ईरानी आदि
निर्देशक : प्रियदर्शन
तकनीकी टीम : निर्माता-अक्षय कुमार, गीत-इरशाद कामिल, शहजाद राय, नितिन रायकवार, संगीत-प्रीतम
** 1/2 ढ़ाई स्टार
कॉमेडी की बात करें तो प्रियदर्शन का निजी अंदाज है। वे कभी कंफ्यूजन से कॉमेडी क्रिएट करते हैं तो कभी किरदारों की बेवकूफी भरी हरकत से हास्य पैदा करते हैं। खट्टा-मीठा फिल्म में प्रियदर्शन ने कॉमेडी के साथ इमोशन, ड्रामा, रोमांस, सांग, एक्शन रखकर एक कंप्लीट मनोरंजक फिल्म बनाने की कोशिश की है, लेकिन वे कमजोर स्क्रिप्ट के कारण असफल हो जाते हैं। खट्टा-मीठा फिल्म कुछ हिस्सों में एंटरटेन करती है।
सचिन टिचकुले बड़ा ठेकेदार बनने के सपने देखता है, लेकिन उसका सपना पूरा नहीं हो रहा है, क्योंकि उसके पास अधिकारियों को घूस देने के लिए पैसे नहीं हैं। वह लोगों से उधार लेकर किसी प्रकार अपने मजदूरों को काम पर लगाए हुए है। उसका लोगों से उधार लेना और झूठ बोलना उसके परिवार के लोग शान के खिलाफ समझते हैं। सचिन का बड़ा ठेकेदार बनने का सपना तब टूट जाता है जब उसकी पुरानी गर्लफ्रेंड गहना गनफूले म्यूनिसिपैलिटी की नई कमिश्नर बनकर आती है। गहना को ताज्जुब होता है कि कालेज के दिनों में अहिंसा और शांति का पुजारी सचिन अब धोखेबाज और फरेबी कैसे बन गया है?
खट्टा मीठा में प्रियदर्शन ने म्यूनिसिपैलिटी और पीडब्ल्यूडी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अपने अंदाज में प्रकाश डाला है। खट्टा मीठा का स्क्रीनप्ले कमजोर है। इंटरवल के पहले कहानी स्थिर रहती है।
प्रियदर्शन ने हास्य कलाकारों के लिए स्पेशली लंबे कॉमिक सीन गढ़े हैं। वे सचिन और गहना के बीच प्यार स्थापित करने में असफल रहे हैं। सचिन टिचकुले की भूमिका में अक्षय कुमार ने बहुत लाउड एक्टिंग की है। लगता है कि निर्देशक ने उन्हें कैमरे के सामने स्वतंत्र छोड़ दिया है। उनका हरदम चीखना-चिल्लाना अच्छा नहीं लगता। तृषा कृष्णन ने गहना गनफूले की भूमिका ईमानदारी से निभाई है। राजपाल यादव जमकर हंसाते हैं। जॉनी लीवर अपने पुराने अंदाज में हैं।
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