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निर्माता : विक्रम सिंह, गोविन्द मेनन,विलियम कीनन
निर्देशक : जेनिफर लिंच
कलाकार : मल्लिका सेहरावत, इरफान, दिव्या दत्ता आदि.
रिलीज डेट : अक्टूबर 22, 2010
कहानी
कुछ सदियों पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता में यह बात व्याप्त थी कि असल जीवन में इच्छाधारी नाग-नागिन होते हैं. वह सांपों की आकृति बनाते थे जो इंसानों में बदल जाते थे. उन्हें लगता है कि जंगल में मौजूद एक रहस्यमयी मंदिर की वजह से ऐसा होता है.
इस रहस्य का पता लगाने के लिए अमेरिका से जॉर्ज नाम का शोधकर्ता भारत आता है और सौभाग्यवश जॉर्ज को एक बड़ा सा किंग कोबरा मिल जाता है जिसे वह पकड़कर अपने साथ अमेरिका ले जाता है. जब यह बात नागिन को पता चलती है तो वह अपने नाग को बचाने और बदला लेने पर उतारू हो जाती है और फिर शुरू होता है खूनी खेल.
इच्छाधारी नाग-नागिन और बदले की कहानी पर आधारित है हिस्स. फिल्म में मुख्य भूमिका मल्लिका सेहरावत ने निभाई है जो इस फिल्म में एक इच्छाधारी नागिन के रूप में मौजूद हैं. जेनिफर लिंच की इस फिल्म में मल्लिका के साथ हैं इरफ़ान खान और दिव्या दत्ता.
फिल्म रिलीज से पहले ही मल्लिका के नग्न दृश्य और हिंसा के कारण ‘आर’ रेटेड हो गई थी. मल्लिका ने अपने किरदार को सफल बनाने की हरसंभव कोशिश की है. एक खतरनाक सांप को किस करने से लेकर उन्होंने फिल्म में कई नग्न सीन देने में कोई हिचक नहीं दिखाई है. फिल्म में मसाले के तौर पर एक्शन, ड्रामा, प्यार, सेक्स और बदला जैसे सभी चीजों का तड़का लगाने की कोशिश की गई है लेकिन फिल्म में मल्लिका के मेकअप और एक्शन सीन को छोड़ ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे दर्शक इस फिल्म की तरफ़ आकर्षित हों.
अगर हम अभिनय की बात करें तो मल्लिका ने हिस्स में अभिनय से ज़्यादा अपने अर्धनग्न एवं नग्न सीन किए हैं.
पूरी फिल्म में मल्लिका सेहरावत के चेहरे पर गिने-चुने भावों का दोहराव है. वे कमजोर अभिनेत्री हैं शायद इसीलिए उन्होंने अंग प्रदर्शन के दम पर दर्शकों को रिझाने का प्रयास किया है. लेकिन शायद वह भूल गई हैं कि आजकल दर्शक भी चालाक हो गए हैं. इरफान खान ने फिल्म में सहज अभिनय किया है.
रेटिंग – 2 स्टार
तकनीकी रूप से उन फिल्मों से बेहतर जरूर है परन्तु फिल्म की पटकथा एवं संवाद कमजोर और बेजान हैं. इरफ़ान खान और दिव्या दत्ता को छोड़ किसी ने भी अच्छा अभिनय नहीं किया है. फिल्म के निर्देशक जेनिफर लिंच शायद यह भूल गए हैं कि केवल नग्नता के बल पर आज फिल्म हिट नहीं होती हैं. अतः इस फिल्म को मिलते हैं केवल 2 स्टार.
“फिल्म देखने जाएं तो दो बार ज़रूर सोच लें! क्योंकि हिस्स है फिस्स”
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