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निर्माता : अनिल कपूर
निर्देशक : अनीस बज्मी
कलाकार : अनिल कपूर, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, सुष्मिता सेन, कंगना राणावत, परेश रावल, नीतू चंद्रा.
संगीत : साजिद-वाजिद, प्रीतम,
गीतकार : विशाल डडलानी, प्रसून जोशी और आनंद राज आनंद
रिलीज डेट : 10 दिसम्बर, 2010
कॉमेडी
“नो प्रोब्लम एक एक्शन कॉमेडी है जो आपको हंसा-हंसा कर पागल कर देगी”
फिल्म की कहानी
यश (संजय दत्त) और राज (अक्षय खन्ना) बचपन के दोस्त हैं जिनका बचपन से काम दूसरों को उल्लू बनाकर पैसा लूटना है. राज हमेशा से एक ईमानदार जिंदगी जीना चाहता है लेकिन यश हमेशा कुछ ऐसा कर देता है जिसके कारण राज का एक ईमानदार जिंदगी जीने का सपना चकनाचूर हो जाता है.
एक बार जब यश एक बैंक लूटता है तो बैंक का ईमानदार और निर्दोष बैंक मैनेजर झंडूलाल (परेश रावल) फंस जाता है. झंडूलाल बैंक के चेयरमैन से अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कुछ समय मांगता है.
वहीं दूसरे तरफ़ दक्षिण अफ्रीका के डर्बन शहर में अर्जुन सिंह (अनिल कपूर) पुलिस है जो पुलिस में होने का फायदा उठता है और गोलमाल करता है. अर्जुन सिंह की बीवी काजल (सुष्मिता सेन) है जो पुलिस कमिशनर (शक्ति कपूर) की बेटी है. काजल का व्यक्तित्व दूसरों से अलग है. वह एक पल में एक अच्छी बीवी और माँ बन जाती है वहीं दूसरी तरफ़ थोड़ी देर में जब उसे पागलपन का दौरा पड़ता है तो वह अपने पति को मारने दौड़ती है.
तभी अंतरराष्ट्रीय हीरा केंद्र से करोड़ों के हीरे चोरी हो जाते हैं. चोरी करने के दौरान मार्कोस (सुनील शेट्टी) का गैंग अंधाधुंध गोलीबारी करता है जिसमें सभी चश्मदीद गवाह मारे जाते हैं. अर्जुन सिंह इस गिरोह को पकड़ने के प्रण करता है.
दूसरी तरफ़ यश और राज झंडूलाल से बचने की कोशिश करते हैं और झंडूलाल को कहीं से भी यह भनक नहीं पड़ने देते हैं कि यह काम उन दोनों का है. तभी राज को संजना (कंगना राणावत) से प्यार हो जाता है. संजना काजल की छोटी बहन है. सगाई के समय झंडूलाल यश और राज को धमकी देता है कि अगर वह पैसे नहीं लौटाएंगे तो वह सब को उनकी करतूत बता देगा. झंडूलाल की धमकी से परेशान यश और राज अंतिम बार चोरी करने का फैसला करते हैं और पहुंच जाते हैं मंत्री के घर. लेकिन उनसे पहले पहुंच जाता है मार्कोस जिसे हीरो की तलाश है. वह मंत्री को टॉर्चर करता है जिसमें मंत्री की मृत्यु हो जाती है. और तब शुरू होता है लुका-छुपी का खेल क्योंकि अर्जुन सिंह सोचता है कि हीरे चोरी होने और मंत्री की हत्या के पीछे यश और राज का हाथ है.
भले फिल्म का नाम नो प्रॉब्लम हो लेकिन पूरी फिल्म में सभी को प्रॉब्लम ही प्रॉब्लम है जिसे अनीस ने मजेदार अंदाज़ में दिखाया है जो हमें हमेशा फिल्म में पेट पकड़कर हँसने को मजबूर करते हैं.
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