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कोई भी असलम का साथ देने के लिए तैयार नहीं था पर शोएब ने उसका साथ तब दिया जब वो फुटपाथ पर तन्हां जिंदगी की कठिनाइयों से लड़ रहा था. ऐसे में असलम ने इस बात का फैसला कर लिया कि वो अपनी तमाम उम्र शोएब का साथ देगा. यहां फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन’ की बात हो रही है. शोएब नाम का किरदार ‘अक्षय कुमार’ और असलम नाम का किरदार ‘इमरान खान’ निभा रहे हैं.
वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन
कलाकार: अक्षय कुमार, इमरान खान, सोनाक्षी सिन्हा, महेश मांजरेकर
कैमियो: विद्या बालन
निर्माता: एकता कपूर
निर्देशक: मिलन लूथरिया
गीत: रजत, संगीत: प्रीतम-अनुपम-आमोद
रेटिंग: ****
वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन फिल्म की कहानी
फिल्म केशुरुआती समय में ऐसा लगता है कि फिल्म को पिछली फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ से जोड़ कर दिखाया गया है पर 20 मिनट बाद ही इस बात का पता चल जाता है कि फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन’ का पिछली फिल्म से कोई लेना देना नहीं है. ऐसे में यह कहना गलत ना होगा कि यदि एकता कपूर इस फिल्म को नए टाइटल के साथ अपनी पिछली फिल्म के साये से अलग बचाकर पेश करतीं तो भी चलता. इस बार इमरान हाशमी का किरदार अक्षय कुमार फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई अगेन’ में निभाते हुए नजर आएंगे.
कई सालों से शोएब (अक्षय कुमार) मुंबई आने के लिए सोच रहा होता है पर अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद भी वो मुंबई नहीं आ पाता है. करीब बारह साल बाद रावल (महेश मांजरेकर) को सबक सिखाने के लिए शोएब मुंबई में आता है. शोएब, असलम (इमरान खान) का फुटपाथ पर साथ देता है जिस कारण असलम इस बात का फैसला कर लेता है कि वो अपनी तमाम उम्र शोएब का साथ देगा.
पूरी मुंबई में असलम ही शोएब का भरोसेमंद आदमी होता है. जिस बस्ती में असलम रहता है उसी बस्ती में जैस्मिन (सोनाक्षी सिन्हा) कश्मीर से अपनी अम्मी और दो छोटी बहनों के साथ रहने आ जाती है. जैस्मिन का एक ही सपना होता है कि वो जल्द ही फिल्मों में हिरोइन बन जाए. फिल्म की कहानी में हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि शोएब धीरे-धीरे जैस्मिन को चाहने लगता है और शोएब के इशारे पर उसे बिना फिल्म किए उभरती हुई खूबसूरत एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिल जाता है. दूसरी तरफ जस्मिन असलम को प्यार करती है. फिल्म की कहानी में उस समय टर्न आता है जब जैस्मिन शोएब के इकतरफा प्यार के पैगाम को ठुकरा देती है.
निर्देशन: यह तो हम पहले ही बता चुके हैं कि यदि एकता कपूरइस फिल्म को नए टाइटल के साथ अपनी पिछली फिल्म के साये से अलग बचाकर पेश करतीं तो भी चलता. सोनाक्षी सिन्हा काफी स्टाइलिश अंदाज में नजर आई हैं. फिल्म की मजबूत कड़ी सोनाक्षी और अक्षय नजर आ रहे हैं पर वहीं दूसरी तरफ इमरान खान फिल्म की कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं. फिल्म का क्लाइमेक्स काफी अच्छा है पर मिलन लूथरिया चाहते तो और भी बेहतर तरीके से फिल्म की कहानी में क्लाइमेक्स बना सकते थे. फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक पर बात की जाए तो वो काफी बेहतरीन है.
क्यों देखें: फिल्म में विलेन बने अक्षय कुमार काफी दिलचस्प अंदाज में नजर आ रहे हैं. उनके लिए आप फिल्म देख सकते है.
क्यों ना देखें: यदि एकता की पिछली फिल्म ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ के कारण इस फिल्म से ज्यादा उम्मीदे हैं तो ना देखें.
Web Title: once upon a time mumbai again
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