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अग्निपथ : सोच वही उम्मीद नई

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हिन्दी फिल्मों में जब भी बात सीक्वल या रिमेक फिल्मों की होती है तो लोग मान बैठते हैं कि वह सफल नहीं होगी. लेकिन बिना मूल कहानी को छेड़े हुए और सिर्फ हल्के-फुल्के बदलाव के साथ बनी नई अग्निपथ ने हिन्दी सिनेमा की इस धारणा को तोड़ दिया और साबित कर दिया कि आज भी अगर फिल्मकार फिल्म में बेवजह का मसाला और सेक्स ठूंसने की जगह ड्रामा और कहानी पर जोर दें तो सफलता पाई जा सकती है. बीत गए वह दिन जब लोग कहते थे कि एक्शन फिल्मों का दौर अब खत्म हो गया है. अगर आप पिछली चार ब्लॉकबस्टर फिल्मों को देखें तो उनमें एक ही समानता है और वह है एक्शन और इस कड़ी में नया नाम है अग्निपथ.


गणतंत्र दिवस के मौके पर विश्वभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई बॉलीवुड की बहु प्रतिक्षित फिल्म “अग्निपथ” ने पहले ही दिन 25 करोड़ रूपए का व्यवसाय किया और एक्शन फिल्मों की कामयाबी में नया अध्याय जोड़ा है. 1990 की बनी “अग्निपथ” जब आई थी तो लोगों ने फिल्म के मुख्य कलाकार अमिताभ बच्चन के बदले हुए अंदाज को पसंद नहीं किया था और फिल्म फ्लॉप रही थी पर समीक्षकों को फिल्म बेहद पसंद आई थी और यही वजह थी कि इस फिल्म के लिए अमिताभ को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था.


उसी पुरानी कहानी के साथ करण जौहर ने अपने पिता यश जौहर को सलाम किया और एक ऐसी फिल्म बनाई है जो शायद लोगों को बरसों तक याद रहे.


AGNEEPATHफिल्म का नाम: अग्निपथ

कलाकार: संजय दत, ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, ऋषि कपूर, ओम पुरी

निर्देशक: करण मल्होत्रा

निर्माता: करण जौहर

संगीत: अजय गोगा

रेटिंग: ****


कहानी

फिल्म की कहानी वही है जो पुरानी फिल्म की थी यानि मांडवा नाम के शहर में कांचा और विजय की मुठभेड. हालांकि वह फिल्म 1990 में बनी थी और अब 2012 के हिसाब से करण मल्होत्रा ने उसमें कुछ नया डाला है. पिछली फिल्म में जो मिथुन का रोल था वह इस फिल्म में नहीं है बल्कि उनके उस किरदार को रऊफ लाला (ऋषि कपूर) के रूप में पूरा किया गया है.


मांडवा नाम के एक छोटे से गांव में रहने वाले विजय दीनानाथ चौहान (ऋतिक रोशन) को उसके आदर्शवादी पिता (चेतन पंडित) ने आदर्श, सिद्धांत और ईमानदारी, जिसे वह अग्निपथ कहते हैं, की बातें सिखाई हैं.


लेकिन विजय की जिंदगी उस समय तबाह हो जाती है जब ड्रग डीलर कांचा (संजय दत्त) मांडवा वापस लौटता है और उसके पिता को मौत के घाट उतार देता है. कांचा ऐसे लोगों से नफरत करता है जो उसकी बात नहीं मानते. मांडवा आने पर कांचा को लगता है अगर उसने प्रिंसिपल को नहीं मारा तो वह कभी मांडवा पर अधिकार नहीं कर पाएगा और इसीलिए वह प्रिंसिपल यानि विजय के पिता को मार देता है.


विजय अपनी गर्भवती मां के साथ मुंबई पहुंच जाता है और अब उसकी जिंदगी का एक ही मकसद है कि मांडवा लौटकर अपने पिता के नाम पर लगे धब्बे साफ करना, जो कांचा ने लगाया है.


मुंबई में 12 वर्षीय विजय की जिंदगी संवारने का जिम्मा रऊफ लाला (ऋषि कपूर) लेता है. रऊफ लाला मुंबई में एक बड़ा गुंडा है और गुनाह की दुनिया में उसकी अच्छी पहुंच है. कांचा तक पहुंचने के लिए रऊफ लाला विजय की मदद करता है. कांचा तक पहुंचने की राह में विजय कई रिश्ते और कानूनों को तोड़ता चला जाता है. लेकिन विजय को जिन्दगी के हर कदम और मोड़ पर उसकी सबसे अच्छी दोस्त काली (प्रियंका चोपड़ा) का समर्थन मिलता है. पन्द्रह साल बाद विजय की कांचा के प्रति नफरत उसे मांडवा ले जाती है, जहां दोनों आमने-सामने होते हैं और फिर शुरू होता है एक्शन का दौर.


Agneepathसमीक्षा

अगर हाल के सालों में रिमेक फिल्मों की कड़ी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म अग्निपथ को घोषित किया जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. फिल्म के एक्शन दृश्य देखकर आपको जरूर रोमांच महसूस होगा. कैमराग्राफर और निर्देशक ने अधिक लोगों की मौजूदगी में भी बेहतरीन एक्शन दृश्य शूट किए हैं. फिल्म को आठ महीने में तैयार किया गया है और इसमें सभी की मेहनत साफ नजर आती है.


फिल्म का मुख्य किरदार तो विजय यानि ऋतिक थे लेकिन दर्शकों की निगाहें एक ही इंसान पर टिकी थीं और वह थे संजय दत्त. कांचा के किरदार को उन्होंने जिस तरह पर्दे पर जीवंत किया है उसे देख लोग कुछ समय के लिए भूल गए थे कि यह खलनायक नहीं नायक है जिन्होंने मुन्नाभाई जैसी कॉमेडी फिल्म की है. फिल्म “खलनायक” का संजय दत्त अगर आपको पसंद है तो “अग्निपथ” का कांचा भी आपको जरूर पसंद आएगा. संजय दत्त के कॅरियर में यह किरदार एक नया मोड़ लाएगा.


ऋतिक रोशन ने एक्शन और स्टंट से लोगों का दिल जीता जरूर है लेकिन जिस अमिताभ को लोगों ने विजय दीनानाथ चौहान की भूमिका में देखा था वह उन्हें देखने को नहीं मिला. विजय नाम के किरदार की मुख्य विशेषता उसकी डायलॉग डिलवरी थी और यहीं ऋतिक कमजोर पड़ गए. लेकिन बिना डुप्लिकेट के स्टंट कर एक बार फिर ऋतिक ने साबित कर दिया कि वह क्यों एक सुपरस्टार हैं.


प्रियंका चोपड़ा काली के किरदार में बेहद सौम्य लगीं. ऋषि कपूर ने भी अपने आपको बदला है और लोगों ने इसे पसंद भी किया.

फिल्म में कैट्रीना कैफ का “चिकनी चमेली” एक ऐसा गाना था जिसे सुन दर्शक तालियों और सीटियों की बौछार करने लगे. हालांकि इसके अलावा बाकी गाने औसत थे.


हाल के समय में यह फिल्म ऐसी है जिसे सिनेमाप्रेमी ना देखने का रिस्क ले ही नहीं सकते. फिल्म युवाओं को बेहद पंसद आएगी और आ भी रही है. पहले ही दिन 25 करोड़ का बिजनेस साफ करता है कि फिल्म कितनी अच्छी है. तो आप कब अपना टिकट बुक कर रहे हैं?


For Videos of “Agnipath” Click Here: AGNIPATH

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