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बारिश की बूंदों में आजादी का एहसास

Jagran Yatra
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आप कभी दिल्ली में रहे हैं? दिल्ली भारत की राजधानी और घूमने वालों की सैरगाह. दिल्ली में मानसून का मौसम भी सुहाना होता है. जून से लेकर अक्टूबर तक काले मेघ दिल्ली के आसमान पर छाएं रहते हैं. लेकिन हॉ, नवंबर के बाद तो पूरे आठ महीने आप बादलों की शक्ल देखने को तरस जाएंगे.

Monsoon to miss June 29ssssaजरा सोच कर देखिए एक ऐसी वर्षा जो अपनी पहली बूंद से ही धरती का परिदृश्य बदल दे.


जेठ की उमस भरी गर्मी के बाद बारिश की बूंदें धरती पर पड़ी मिट्टी की एक मोटी परत जमा देती हैं. आम के पेड़ों से निकलने वाली हल्की महक, धुमिल धरती की धुलाई के साथ पुराने अपार्टमेंट्स और घर भी बरसात में चमकने लगते हैं.

167641153_ce71073cfbबारिश जहां एक तरह बाहर का सारा परिदृश्य बदल देती है वहीं यह अंतर्मन को भी भीगो जाती है. बारिश की पहली बूंदो में भीगने का मन तो बच्चों के साथ बड़ों का भी होता है. न कपड़े गीले होने का डर, न मिट्टी-कीचड़ की परवाह बारिश में भीगते बच्चों को तो जैसे लाइसेंस मिला हो भीगने का. वर्षा की ऐसी फुहारें यादों में बस जाती हैं.

लेकिन यह बरसात कभी-कभी कुछ अनचाही समस्याएं भी लेकर आती है. आज हालात थोड़े मुश्किल हैं. बरसात का नाम सुन दिल्ली के दिल में गढ्ढों और ट्रैफिक जाम का नाम याद आता है. इस खूबसूरत बारिश को बदसूरत बनाने का काम भी हमने ही किया है. प्रकृति के साथ छेड़छाड हमें बहुत भारी पड़ने वाली है.

पर इन सब को छोड कर जितनी भी बारिश हो रही है उसका तो मज़ा उठाइए ही. दिल्ली की सड़कों पर निकल जाइए तेज बारिश में और महसूस कीजिए आजादी.

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