Menu
blogid : 1969 postid : 447

मधुरता और संस्कृति की अपनी धरती – गुजरात

Jagran Yatra
Jagran Yatra
  • 68 Posts
  • 89 Comments

FACEBOOK

उत्तर में पाकिस्तान, पश्चिम में सागर और पूरब-पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से घिरे गुजरात की धरती अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को बखूबी संजोए हुए है. एक अलग से दिखने वाले इस राज्य की एक अपनी ही संस्कृति है, एक अलग रुप है. विभिन्नता में एकता को दर्शाता यह राज्य अपनी सांस्कृतिक, कलात्मक और धार्मिक जीवन को बड़े ही सहजता से संजोए हुए है.



आजादी के बाद से गुजरात भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां शराबबंदी है. इतना पैसा होने के बाद भी गुजरात के लोगों ने कभी शराब को नहीं अपनाया. सुनकर अचंभा होगा लेकिन यह सच है .


इतिहास भी है रोमांचक

माना जाता है कि भगवान कृष्‍ण मथुरा छोड़कर सौराष्‍ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे, जो द्वारिका यानी प्रवेशद्वार कहलाया. बाद के वर्षों में मौर्य गुप्‍त, प्रतिहार तथा अन्‍य अनेक राजवंशों ने इस प्रदेश पर राज किया. चालुक्‍य(सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग था. महमूद गजनवी की लूटपाट के बावजूद चालुक्‍य राजाओं ने यहां के लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्‍यान रखा. इस गौरवपूर्ण काल के पश्‍चात गुजरात को मुसलमानों, मराठों और ब्रिटिश शासन के दौरान बुरे दिन देखने पड़े.


बापू की जन्मभूमि

महात्मा गांधी की इस धरती पर आज भी लोग खादी से बेहद लगाव रखते हैं. एकता यहां के कण-कण में बसी है. बेशक यहां बीते दिनों में कुछेक दंगे हुए लेकिन फिर भी लोगों ने एकता का दामन नहीं छोड़ा.


नए राह पर गुजरात

गुजरात जहां एक तरफ अपनी प्राचीन सभ्यता को संजोए हुए है वहीं तरक्की की राह पर भी गुजरात के कदम हमेशा अग्रसर रहें हैं. मोदी जैसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य ने काफी तरक्की की है.


गुजरात एक सैरगाह

गुजरात पर्यटन के लिहाज से भी काफी लोकप्रिय है. राज्‍य में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी भद्रेश्‍वर, शामलाजी, तरंगा और गिरनार जैसे धार्मिक स्‍थलों के अलावा महात्‍मा गांधी की जन्‍मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्‍व और वास्‍तुकला की दृष्टि से उल्‍लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभेई, बडनगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्‍थान भी हैं. अहमदपुर, मांडवी, चारबाड़ उभारत और तीथल के सुंदर समुद्री तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्‍थल, गिर वनों के शेरों का अभयारण्‍य और कच्‍छ में जंगली गधों का अभयारण्‍य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.


समुद्र का किनारा हो या किसी नदी का किनारा, गांधी की जन्मभूमि से लेकर सूर्य मंदिर तक सभी स्थल दर्शनीय और बेहद मनमोहक है. लोक-संस्कृति की जीवंत कला को यहा महसूस करने अवश्य आएं.

FOR MORE INTERESTING FACTS CLICK HERE

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh