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वाराणसी: आस्था, विश्वास और पर्यटन का केन्द्र

Jagran Yatra
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वाराणसी माटी-पाथर का बना महज एक शहर नहीं अपितु आस्था विश्वास और मान्यताओं की ऐसी केन्द्र भूमि है जहां तर्को के सभी मिथक टूट जाते हैं. जीवंत रहती है तो सिर्फ समर्पण भरी आस्था. इसका एक नाम काशी है तो दूसरा बनारस भी. काशी इसका प्राचीनतम नाम है जिसका उल्लेख महाभारत काल से मिलता है. घाटों के लिए प्रसिद्ध गंगा नदी किनारे बसी इस नगरी का प्रचलित नाम वाराणसी है .



काशी के घाट

घाट की बनावट नक्काशी तथा पत्थर इतिहास के गवाह से अपने प्राचीनतम होने का उदाहरण तो प्रस्तुत करते ही हैं यह भी दर्शाते हैं कि वे पूरी दुनिया में अनूठी अनुभूति है

दशाश्वमेध घाट

गंगा के किनारे काशी के हर घाट का अपना अलग वैशिष्टय है. किन्तु सबसे महत्वपूर्ण घाट दशाश्वमेध घाट है. प्रशस्त पत्थरों से निर्मित यह घाट पंचतीर्थो में एक है.

मणिकर्णिका घाट

इस घाट पर मणिकर्णिका कुंड अवस्थित है.

पंचगंगा घाट

कार्तिक पूर्णिमा के दिन रात में इस घाट की छटा निराली होती है. पुराणों के मुताबिक यहां यमुना, सरस्वती, किरण व धूतपाया नदियों का गुप्त संगम होता है जिसके कारण इसे पंचगंगा घाट की संज्ञा है.

हरिश्चन्द्र घाट

यह घाट काशी के प्राचीनतम घाटों में से एक है. जनश्रुति के मुताबिक यहीं सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र की सत्य परीक्षा हुई थी. घाट पर महाराजा हरिश्चन्द्र की प्राचीन प्रतिमा बनी है

केदार घाट

काशी के मंदिरों में केदारेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर है जो इसी घाट के ऊपर अवस्थित है. इस कारण भी यह घाट अपने सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है.

तुलसी घाट

यह घाट अत्यंत प्राचीन है तथा इसे लोलार्क घाट के नाम से भी जाना जाता है.

राजघाट

यह घाट काशी के काशी रेलवे स्टेशन के पास है तथा पूर्वी छोर का पहला पश घाट है.

सिंधिया घाट

यह घाट अपनी अनूठी शिल्प कला व बनावट के लिए दर्शनीय है. इसे सिंधिया नरेश ने बनवाया था जो मणिकर्णिका घाट के पा‌र्श्व में अवस्थित है.

अस्सी घाट

इनमें गायघाट, बूंदी पर कोटा घाट, रामघाट, गंगा महल घाट, चौसट्टी घाट व खिड़कियां घाट आदि है.

काशी विश्वनाथ मंदिर

बाबा विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर अत्यंत प्राचीन है. मंदिर में भगवान शिव का ज्योर्तिलिंग स्थित है. काशी के इस मंदिर की कला अत्यंत प्राचीन है.

सारनाथ

वाराणसी शहर से दस किलोमीटर दूर सारनाथ क्षेत्र बौद्ध तीर्थ के रूप में विख्यात है. यह पर्यटन के रूप में भी मशहूर है. सारनाथ में भगवान बुद्ध की प्रस्तर प्रतिमा अवस्थित है जो एक भव्य मंदिर की परिधि में है.

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