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..और खत्म हो गई आस्था की दास्तान

अभेद्य
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विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर का अधिग्रहण और सुरक्षा का भारी ताम-झाम रामलला के दर्शनार्थियों के लिए दुर्गम होने के साथ दर्जनों प्राचीन मंदिरों का अस्तित्व भी समाप्त करने वाला रहा है। इनमें प्रमुख थे, बड़ा जन्म स्थान, रामचरित मानस भवन, सुमित्रा भवन, साक्षी गोपाल मंदिर, कैकेयी भवन, विश्वामित्र आश्रम आदि।

आठ जनवरी 1993 को अधिग्रहण से पूर्व ये मंदिर भव्यता की नजीर रहे। न केवल शानदार वास्तु के कारण बल्कि भक्तों की भारी भीड़ के कारण भी। हालांकि बैरीकेडिंग से आच्छादित मार्गो पर अभी भी दर्शनार्थियों का रेला दिखायी पड़ता है पर वे रामलला के लिए जा रहे होते हैं। दुर्दिन का शिखर, जन्मस्थान से परिभाषित होता है। रामनगरी में राम जन्मभूामि के बाद सर्वाधिक प्रतिष्ठित जन्मस्थान की शायद ऐसी कोई छत और दीवार है, जो इस समय सलामत है। मंदिर का बड़ा हिस्सा ढह चुका है और जो शेष है, वह ढहने की कगार पर है। मंदिर का गर्भगृह भी क्षतिग्रस्त हो गया है और भगवान की सेवा-पूजा दूर की कौड़ी हो गयी है। जन्मस्थान के ध्वंसावशेषों में, वह मशहूर सीता रसोई भी है जो श्रद्धालुओं को विशेष रूप से विभोर करती रही थी। सुमित्रा भवन तो राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के नाम पर अधिग्रहण से पूर्व ही विहिप के समतलीकरण अभियान की भेंट चढ़ गया। कैकेयी भवन, अधिग्रहण का शिकार होकर अपने वजूद से वंचित हो रहा है। साक्षी गोपाल और संकटमोचन हनुमान मंदिर जैसी पीठ भी कभी दैनिक यात्रियों से पटी पड़ी रहने वाली थी, आज उनका ठिकाना तक चिन्हित करना मुश्किल है। अधिग्रहीत क्षेत्र की सीमा पर ही स्थित विश्वामित्र आश्रम की भी कहानी कम त्रासद नहीं है। इसे प्रसिद्ध रामायणी रामशरण दास ने प्रतिष्ठित किया था। यहां नगरी के दर्जनों साधु रामकथा का नियमित प्रशिक्षण पाते थे और यह स्थान प्रवचन-भजन के साथ श्रद्धालुओं की चहक से सराबोर रहता था। इस आश्रम की कुछ दीवारें और स्तम्भ ही शेष रह गये हैं। मानस भवन ट्रस्ट जरूर सलामत है। हालांकि अधिग्रहण के बाद उसकी आत्मा मर गयी है। व्यवस्थित गर्भगृह के साथ यहां धर्मशाला थी। यह, तीर्थयात्रियों का प्रमुख ठौर था। आज धर्मशाला के कमरों पर ताले लटक रहे हैं या उन पर सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का दखल है। लगभग सभी मंदिरों की मुआवजा अदायगी के बाद इनका वैभव अतीत में दफन हो चुका है, तो इनके अवशेषों को समेटे अधिग्रहीत क्षेत्र का भविष्य अनिश्चित है।

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