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कल 16 अप्रैल 2011 को मथुरा में आयोजित प्रेस वार्ता में जयगुरूदेव धर्म प्रचारक संस्था के महामंत्री श्री सुशील कुमार लुल्ला ने बताया कि यह संस्था गत् 57 वर्षों से राष्ट्रीय राजमार्ग न. 2 स्थित ग्राम महोली, पन्नापुर में कार्यरत्त है। द्वेषवश उ.प्र. की राज्य सरकार ने
उ.प्र.रा.औ.वि.नि.लि. हेतु कई बार संस्था की जमीनों का अधिग्रहण किया, जिसे माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने अपने आदेश दिनाँक 16.9.1975, 26.9.1984 व 22.5.1985 द्वारा तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनाँक 20.3.1985 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। छठवीं बार वर्ष 1989 में अधिग्रहण हेतु जारी आदेश के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय का संस्था के पक्ष में स्थगन आदेश जारी है। इसके बावजूद उक्त निगम द्वारा अपनी शक्ति का प्रयोग करके संस्था की सम्पत्ति में हस्तक्षेप किया जाता
रहा जिसके सम्बन्ध में एक व्यवहार वाद संख्या 739/1999 श्रीमान् न्यायालय सिविल जज (जू.डि.) मथुरा में दायर किया गया जिसमें निगम ने समय-समय पर संस्था के विरूद्ध अतिक्रमण सम्बन्धी विभिन्न वाद न्यायालयों में दायर किए, जिसमें न्यायालय ने उ.प्र.रा.औ.वि.नि.लि. को उक्त भूमि का मालिक न मानते हुए संस्था के पक्ष में निर्णय दिए। संस्था के पक्ष में माननीय न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के बावजूद भी उक्त निगम संस्था के क्रिया कलापों में बाधा डालने, झूठी शिकायतें करने व एफ.आई.आर. दर्ज कराने का
क्रम जारी किए हुए है। जिसका ज्वलन्त प्रमाण थाना हाइवे में दिनाँक 13.4.2011 को संस्था के विरूद्ध करायी गई एफ.आई.आर. है। उक्त एफ.आई.आर. में रोड़ न 25 तथा रोड़ न.8 को बन्द करने का आरोप लगाया गया है। जबकि कथित रोड़ न. 8 संस्था कि भूमि में दिखाया गया है जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट संख्या 48269/1999 के अन्तर्गत संस्था के पक्ष में स्थगन आदेश
पारित है। इसी प्रकार रोड़ न. 25 का भी कोई अस्तित्व नहीं है तथा जिस पर उपरोक्त वाद संख्या 739/1999 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा आदेश दिनाँक 16.11.1999 पारित है। यह निगम एक कम्पनी है न कि सरकार।
उ.प्र.रा.औ.वि.नि.लि. ने अपने नक्शे में पूर्व निर्मित भवनों को भी रिक्त प्लॉट के रूप मंे दर्शाया है जैसे हमारी संस्था का कार्यालय वर्ष 1969 से बना हुआ है, इनके नक्शे में उसे रिक्त दिखाया गया है। यहां तक कि पन्ना पोखर के पास पार्क की भूमि को प्लॉट बनाकर उक्त निगम द्वारा बेच दिया गया है जिसके सम्बन्ध में निगम के विरूद्ध माननी य उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में जनहित याचिका संख्या 58456/2011 लम्बित है।
माननीय न्यायालय के निर्णयों की प्रतियाँ संलग्न कर एक आवेदन पत्र दिनाँक 14.2.2011 को जिलाधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा तथा क्षेत्रीय प्रबन्धक उ.प्र.औ.वि.नि.लि. आगरा को प्रेषित किया है तथा उक्त निर्णयों की प्रतियाँ वितरित करते हुए कहा कि हम प्रिन्ट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सही सूचना जनता तक पहुँचाना चाहते हैं। संस्था अपने आध्यात्मिक-धार्मिक जन-जागरण, अच्छे समाज के निर्माण, सामाजिक समरसता लाने व कुरीतियों को दूर करने आदि कार्यक्रमों में संलग्न है। इस अवसर पर श्री उमाकान्त तिवारी, श्री रामकृष्ण यादव, श्री एन.एल. गुप्ता, श्री संतराम चौधरी, श्री लक्ष्मण यादव आदि संस्था के प्रतिनिधी उपस्थित थे।
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