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परम पूज्य बाबा जयगुरूदेव जी महाराज आश्रम पर हैं और आश्रम के खेतों में सेवायें चल रही हैं। सभी सेवादार अपनी-अपनी सेवाओं में लगे हुए हैं। पूज्य गुरू महाराज सेवा स्थल पर बराबर जाते हैं और सेवादारों के साथ-साथ आने वाले दर्शनाभिलाषीयों को दर्शन लाभ मिलता रहता है।
आज जयगुरूदेव आश्रम में सेना के लैफ्टिनैंट जनरल श्री सिंह अपने परिवार व सेना के कुछ अधिकारियों के साथ आए। आश्रम व मन्दिर परिसर में उन्होंने कुछ समय व्यतीत किया और दर्शन किया। यहां जानकारी प्राप्त करते हुए जिज्ञास हुई और पूज्य गुरू महाराज से आशीर्वाद व उनके दर्शन की प्रार्थना की। तब उन्हें परम पूज्य बाबा जयगुरूदेव जी महाराज के दर्शन हुए और उन्होंने परिवार सहित आशीर्वाद लिया। पूज्य गुरू महाराज ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि तुम्हें तुम्हारे परिवार को और तुम्हारी सेना को बहुत आशीर्वाद है।
बाबा जयगुरूदेव जी की आवाज:
मन रबड़ है इसको जितना बढ़ाओ बढ़ेगा। अगर इसको रोका न जाए तो वो इस सीमा तक बढ़ेगा कि टूट जाए। अंग्रेज आए व्यापारी बनकर। उन्होंने मुगल बादशाह से कहा कि हमें थोड़ी सी जगह दे दीजिए हम अपना डेरा लगायेंगे और व्यापार करेंगे। बादशाह से सोचा कि डेरे के लिए कितनी जमीन चाहिए। उन्होंने हुकुम दिया कि अपना डेरा लगा लो। उनका डेरा रबड़ की तरह काम करने लगा। जब खींचकर फैलाना शुरू किया तो पूरी सल्तनत को अपने डेरे मंे ले लिया। मुगलों का डेरा उखड़ गया।
ये सच्चाई आज घर-घर की है और यही कारण है कि झगड़-फसाद बढ़ गए हैं, कचहरियों मंे तमाम झूठे मुकदमें चल रहे हैं। जहां कचहरी के फाटक के अन्दर घुस गए तो दीन, ईमान सब कुछ चला गया और जीवन बीत जाता है पर मुकदमा नहीं खत्म होता।
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