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जय गुरुदेव,
मथुरा आश्रम पर पावन पर्व भंडारे के शुभ अवसर पर भारी मात्रा में प्रेमीजन पहुच रहे हैं. आज पर्व का तीसरा दिन है. सतगुरु दयाल स्वामीजी महाराज विशेष मौज में हैं और आज लगातार तीसरे दिन प्रेमियों को सत्संग और नामदान दे कर धन्य किया. सत्संग के बाद मंच से ही परम पूज्य स्वामीजी ने प्रेमियों को देखा. वर्ष २०१० में 114 वर्षीय परम पूज्य स्वामी महाराज ने भारत वर्ष के विभिन्न राज्यों का दौरा किया और अपने जीवो को अमोलक सत्संग दिया. इसके फलस्वरूप इस बार पुराने का साथ साथ नए प्रेमी भारी मात्रा में आश्रम पहुच रहे हैं. प्रेमियों की संख्या इतनी कि गिनती नहीं कि जा सकती. उस पर भी प्रेमियों के आने का क्रम लगातार ज़ारी है. आश्चर्यजनक रूप से हमेशा की तरह इस बार भी कार्यक्रम की सारी व्यवस्थाये संगत द्वारा स्वतः चलायी जा रही हैं. सुरक्षा सेवा, मंदिर सजावट सेवा, प्रसाद वितरण सेवा, भोजन भंडारा सेवा, जल कल सेवा, टेंट रावतियो को व्यवस्था, चिकित्सा सेवा, बिजली सेवा, यातायात नियंत्रण, सफाई सेवा सेवा आदि सभी सेवाए बिना किसी सरकारी सहयोग के संगत और प्रेमियों का अथक परिश्रम से निर्बाध रूप से चल रही हैं. यह सतगुरु दयाल कि दया मेहर से ही संभव है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से निकलने वाले लोग इस द्रश्य को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं. भारत ही नहीं विश्व कि कोने कोने में रहने वाले प्रेमीजन इस पावन पर्व का लाभ लेने के लिए आश्रम पर आये हुए हैं. सभी सामाजिक वर्गों, सभी धर्मो, और भारत के विभिन्न प्रान्तों और शहर और देहात से आये लोगो की उपस्थिति स्पष्ट रूप से इस बात को दर्शाती है परम पूज्य स्वामीजी महाराज ने परम पूज्य दादा गुरु के आदेश से 1952 से जो अध्यात्मिक, मानवतावादी, जनहितकारी और आत्मा का कल्याण का जनजागरण अभियान शुरू किया वो निरंतर बढ़ता जा रहा है.
जय गुरुदेव नाम प्रभु का
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