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अहसास
इंसान के जीवन की परिस्थिति,
इंसान को अहसास दिला देती,, मानव के जीवन में कोई घटना घटती, उस समय वह सोच नहीं पाता क्या करुँ,, धेर्य और सात्वना के बोझ तले दबा रहता, लेंकिन घटना उसके जीवन में आभास कराती,, इंसान के जीवन—————————- मानव जब नये कार्य करने को सोचता, उसमें आने वाली बांधा उसे आभास कराती,,
कोशिश करता जीवन में आगे बढ़ने की, उसके भाग्य लकीरे उसे फकीर बना देती,, इंसान के जीवन—————————- मानव मन सोचता, साहस कर बैठता, बीते ही जीवन को याद करता रहता,, मौका मिला मिला कोई गलती न होगी,
परिस्थिति को देखकर साहस में करुगाँ,, इंसान के जीवन—————————- अपने भाग्य को कचोटता, बोल ही जाता,
भाग्य के ऊपर कभी भरोसा नहीं करुगाँ,, कर्म पर सदैव विश्वास में करुगाँ,, भाग्य तो मानव का लिख दिया जाता, भाग्य को कर्म से बदल दिया जाता,, इंसान के जीवन—————————- मानव के जीवन में कितने फूल व काँटे होते,
जो उसके जीवन को पल-पल आभास करते रहते,, हर फूल व काँटे की अपनी खूबी होती है, ह्रदय में मानव के आभास कराती रहती,, इंसान के जीवन—————————-
एक बार मानव को मौका मिलता, भाग्य को बदलने का संसार में कुछ करने का,, जब उसकी शादी अपरिचित लड़की से होती,
अपने भाग्य को आप के भाग्य मिलाती,, इंसान के जीवन—————————- घर में दुल्हन नयी आती, हल चल सी मच जाती,
घर में नया आभास घरवालों को दुल्हन कराती,, सभी के भावों को पढ़कर, नया आभास कराती,
सभी के चेहरे पढ़कर, अहसास सभी को कराती,, इंसान के जीवन—————————-
कर्म के सहारे भाग्य को बनाता तुही, अच्छे व बुरे वक्त में काम आता तुही,, कर्म से ही महान बनते है इंसान, भाग्य के पीछे रोते रहते है इंसान,, इति सिद्धम जयवीर सिंह यादव
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