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भारतीयों के दिलों में बसे क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेन्दुलकर को इनदिनों अपने भविष्य की चिंता हो रही है. जब हर तरफ कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन का वक्त पुरा हो चुका है. उन्होंने 20 साल से अधिक पूरी निष्ठा से क्रिकेट को अपनी सेवा दी है. इसलिए बढ़ती उम्र और भावी क्रिकेटरों को मौका देने के लिए सचिन संन्यास ले लेना चाहिए.
चारों तरफ से बढ़ते दबाव के चलते सचिन को चिंता होने लगी की संन्यास के बाद क्या किया जाएगा. तभी उन्होंने फिल्म स्टारों की तरह एक पैतरा अपनाया जो सफल भी हुआ. उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेकर अपने भविष्य को संरक्षित कर लिया, अब वह आराम से आने वाले वक्त में अपने संन्यास की घोषणा कर सकते हैं.
सोमवार को जब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के चेंबर में उन्होंने शपथ लिया तो उसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने कुछ बाते की जिसमे उन्होंने कहा कि राज्यसभा की सदस्यता मै क्रिकेट के अलावा अन्य दूसरे खेलो के लिए भी कुछ करुगा. सचिन ऐसा करेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन हाल फिलहाल जब माकन ‘स्पोर्ट बिल’ लेकर आए थे तो स्पोर्ट के हर संस्थाओं ने खासकर बीसीसीआई को काफी पिड़ा हुई. अपनी कुर्सी जमाकर बैठे बीसीसीआई के अधिकारी कभी नहीं चाहेगें कि लोग उनकी संपत्ति के बारे में सुचना के अधिकार के तहत सवाल-जवाब करें. अब सचिन के सामने तो पहला सवाल यही है कि क्या वह स्पोर्ट बिल पास करवाने के लिए बीसीसीआई के अधिकारियों के मना लेंगे, क्या वह क्रिकेट को छोड़कर दूसरे खेलो को भी स्पॉसर दिला पाएंगे अगर वह ऐसा नहीं कर पाते तो हम यही समझेगे की उनकी जुबान एक पाखंड नेता बनने की राह पर है. और इस तरह के नेता भारत में पूरी तरह से संरक्षित है.
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