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आज राहुल गांधी को सुना। कह रहे थे-हमारा चीफ मिनिस्टर 18 घंटे युवाओं के बीच मिलेगा। आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच राहुल गांधी का यह नया मोड़ थोड़ा सुकून देने वाला तो है, पर हमारे लिए यह जानना बेहद दिलचस्प है कि राहुल गांधी की नजरों में 60 पार कर चुके अशोक गहलोत युवा हैं या 40 के करीब वाले सचिन पायलट। क्योंकि, जो खबर है वह यही है कि राजस्थान में सचिन और अशोक गहलोत के बीच ही कोई मुख्यमंत्री बनेगा।
यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला हो सकता है कि वह किसे मुख्यमंत्री बनाए और किसे नहीं। लेकिन, जमीनी हकीकत क्या कहती है। जमीनी हकीकत यह कहती है कि टोंक के जिस विधानसभा सीट से सचिन पायलट चुनाव लड़ रहे हैं, वहां के लोग यचह मान चुके हैं कि सचिन पायलट वापस दिल्ली चले जाएंगे, टोंक दोबारा उप चुनाव की भेंट चढ़ेगा क्योंकि चीफ मिनिस्टर तो अशोक गहलोत ही होंगे। यह कितना सच है, कितना झूठ, इसका खुलासा 11 दिसंबर के बाद होगा। लेकिन फिलहाल यह बात समझनी होगी कि राजस्थान में विकास की बात कोई नहीं कह रहा है। लोग विकास को मुद्दा बनाना चाहते हैं, कांग्रेस और भाजपा हनुमान जी की जाति पर भिड़ी हुई है। लोग 1000 रुपये में मिलने वाी रसोई गैस के सिलेंडर को मुद्दा बनाना चाहते हैं तो कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी को घेर रही है।
कुल मिलाकर राजस्थान में तीन दिन बाद मतदान होने हैं। क्या यह कम मजेदार है कि कांग्रेस-भाजपा और आम आदमी के मुद्दे यहां जुदा-जुदा हैं। यही है राजस्थान चुनाव के दिलचस्प नजारे।
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