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प्रतियोगिता के लिए —–
चेतावनी ——
पेड़ बस कटने ही वाला था ,तभी एक भयानक गर्जना हुई !बिजली का आरा उसने ज़रा देर को रोक लिया और ऊपर देखा ! घन गर्जना हो रही थी एक भरी भरकम आवाज़ आकाशवाणी की तरह उसको दहला कर चली गयी “मूर्ख जिस डाल पर बैठा है उसी को काट रहा है” ! पेड़ भरभरा के गिरा और बहुत सारे बड़े बड़े पत्थर भी घाटी में लुढक गए !
——-ज्योत्स्ना सिंह !
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