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देश मेरे—(गणतंत्र दिवस पर )

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सभी देश वासियों को गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाओं सहित एक सन्देश —
देश मेरे —-(गणतंत्र दिवस पर )
है नहीं कोई,
जहाँ में, तेरे जैसा,
तू है जैसा,
देश, कोई भी न वैसा,
हैं तेरे करोड़ो
बेटे और बेटियां
जाने कितने धर्म
कितनी जातियां
कितनी भाषाएँ
कितनी बोलियाँ !
कितनी भूषाएं
कितने वेश हैं,
एक ही फिर भी
हमारा देश है !
गणतंत्र है,
गणतंत्र,
रहने दो इसे
इस देश के कानून
का हर हृदय
में मान हो
हर धर्म हर जाति
का ,हर व्यक्ति
का सम्मान हो!
हम भी अपना
धर्म पालें,वो भी
अपने पे रहें !
सिर्फ हम ही
अच्छे हैं ,जहाँ में
हर समय ये न कहें !
मंदिरों को,
मस्जिदों को
गुरद्वारों और
गिरिजाघरों को
भगवान का
घर ही कहें !
प्यार ही पालें
वहां पर,नफ़रतें
रहने न दें !
दिल दुखाएं
न किसी का
व्यर्थ की बातों में
ऊर्जा नष्ट
अपनी ना करें!
राष्ट्र का निर्माण
कर ले जाएँ
उन्नति के शिखर !
ये न देखें
हर समय
क्या देश ने
हमको दिया
सोचें ज़रा इक बार
हमने देश के लिए
देश के लिए
क्या कुछ किया !
ये हमारा देश है
हम गर्व ही
इस पर करें
जियें तो इसकी
ही खातिर
और इस् पर
ही मरें !
तिरंगे कोअपने
हम फख्र से
फहराएंगे,
विश्व के विस्तृत
पटल पर,
इसको हम
लहराएंगे !
जय हिन्द
जय भारत
जय गण तंत्र !
आज के पावन
दिवस पर
हर देश वासी
ले शपथ,
देश का
सोचे सदा,
संविधान का
छोड़े न पथ !
जय हिन्द
जय भारत !
—-ज्योत्स्ना सिंह !

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