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एक छांव तुम

जिन्दगी
जिन्दगी
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धूप धूप जिंदगी
एक छांव तुम
तुमने जो
होंठों से
फासले छुए,
यह पहार से दिवस
मखमली हुए
सपनो का कुमकुमी
एक गाँव तुम|
लगता है
कट गए
मरुस्थली सफ़र
आँखों की झील के,
मिल गए नगर
अनजाने देश में
एक ठोर तुम |

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